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बीसीसीआई में कोई सरकारी मंत्री या अधिकारी नहीं होना चाहिए : न्यायालय

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बीसीसीआई में कोई सरकारी मंत्री या अधिकारी नहीं होना चाहिए : न्यायालय

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बीसीसीआई में कोई सरकारी मंत्री या अधिकारी नहीं होना चाहिए : न्यायालयनई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में किसी भी सरकारी मंत्री या फिर अधिकारी को पद नहीं मिलना चाहिए। साथ ही न्यायालय ने बीसीसीआई में प्रतिनिधित्व के लिए ‘वन स्टेट, वन वोट’ सम्बंधी लोढ़ा समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। यह बीसीसीआई के लिए एक बड़ा झटका है।

मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को अपने फैसले में कहा कि कोई व्यक्ति बीसीसीआई और राज्य क्रिकेट संघ में एक साथ पद नहीं ग्रहण कर सकता।

न्यायालय के इस फैसले से बीसीसीआई प्रमुख अनुराग ठाकुर को सबसे अधिक नुकसान होगा, जो अभी हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के भी अध्यक्ष हैं।

न्यायालय ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र और गुजरात के तीन क्रिकेट संघ बीसीसीआई के सम्बद्ध हैं। अब एक ही संघ बोर्ड से स्थायी तौर पर सम्बद्ध रहकर राज्य का प्रतिनिधित्व करेगा। यह काम रोटेशन के आधार पर होगा। बाकी के तीन संघ सम्बद्ध संघ कहे जाएंगे।

न्यायालय ने कहा कि जहां तक बीसीसीआई को सूचना के अधिकार के दायरे में लाने की बात है तो यह फैसला संसद को करना चाहिए।

न्यायालय ने हालांकि बीसीसीआई द्वारा राज्य क्रिकेट संघों की फंडिंग और प्रसारण अधिकार देने के मामलों में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया।

न्यायालय ने बीसीसीआई को तमाम बदलावों को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया है और लोढ़ा समिति से कहा है कि वह इन बदलावों पर नजर रखे।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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