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मनोरंजन

हॉलीवुड स्टूडियो जोखिम भरी फिल्मों का समर्थन नहीं करते : ब्रैड पिट

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मुंबई, 25 मई (आईएएनएस)| हॉलीवुड अभिनेता ब्रैड पिट का कहना है कि हॉलीवुड स्टूडियोज की व्यापारिक संरचना उनकी आगामी व्यंग्य पर आधारित कॉमेडी फिल्म ‘वॉर मशीन’ जैसी जोखिम भरी फिल्मों का समर्थन करने की अनुमति नहीं देती है।

बुधवार को भारत पहुंचे अमेरिकी अभिनेता ने कहा कि यह मुख्य कारणों में से एक है कि उन्होंने इस फिल्म के लिए अमेरिका की मनोरंजन क्षेत्र की कंपनी नेटफ्लिक्स से जुड़ना पसंद किया।

बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के साथ एक सत्र के दौरान ब्रैड ने कहा, स्टूडियोज का इस समय जिस तरह का बिजनेस मॉडल है, हॉलीवुड निश्चित रूप से इस बजट की वॉर मशीन जैसी जोखिम भरी फिल्मों का समर्थन नहीं कर सकता है। प्रिंट और विज्ञापन की लागत इतनी अधिक है इसलिए वह इसे अभी नहीं बना सकते हैं।

नेटफ्लिक्स के साथ जुड़ने के निर्णय के सवाल पर ब्रैड ने कहा, फिल्म दर्शकों के लिए नेटफ्लिक्स की सुंदरता यह है कि अब अधिक फिल्में बनाई जा रही हैं, और अधिक रोचक फिल्म निर्माताओं को एक मौका मिल रहा है जिसका अर्थ अधिक विविधता है।

ब्रैड कहते हैं कि बदलती प्रवृत्ति ‘फिल्म निर्माण के नए पुनरुत्थान को दशार्ती है।

डेविड मिच निर्देशित ‘वॉर मशीन’ एक व्यंगात्मक कॉमेडी फिल्म है। इसमें ब्रैड एक अमेरिकी जनरल ग्लेन मैकमोहन का किरदार निभा रहे हैं, जो मजबूत लेकिन अतिविश्वासी है और केवल अफगानिस्तान में जीत की दिशा में अपनी सेना का नेतृत्व करना उसका एक मात्र उद्देश्य है।

इस फिल्म को स्ट्रीमिंग वेबसाइट नेटफ्लिक्स पर शुक्रवार को रिलीज किया जा रहा है।

ब्रैड का कहना है कि वह फिल्म के प्रदर्शन का निर्णय रिलीज के शुरुआती सप्ताहंत के आधार पर किए जाने को अनुचित मानते हैं।

उन्होंने कहा, हमारी कई फिल्में सामान्यता शुरुआती सप्ताहांत के प्रदर्शन के आधार पर तय होती हैं। यह फिल्म की लंबी यात्रा का अनुचित तरीके से निर्णय करना है, जो लगातार थियेटर में चल रही है, अभी भी दर्शकों से बात कर रही है। मैं ऐसी कई फिल्मों के बारे में जानता हूं जिसे असफल करार दिया गया था और उन्होंने एक लंबा सफर तय किया।

ब्रैड का कहना है कि वह नेटफ्लिक्स जैसे मंचों पर फिल्मों की रिलीज को दिलचस्प मानते हैं।

ब्रैड ने इस दौरान विभिन्न संस्कृतियों के विचारों व शैली के आदान-प्रदान की भी प्रशंसा की।

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मनोरंजन

फिर बढ़ी एल्विश यादव की मुश्किलें, ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

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नई दिल्ली। बिग बॉस ओटीटी 2 विनर और यूट्यूबर एल्विश यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब ईडी ने एल्विश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सांपों के जहर सप्लाई से ही जुड़ा हुआ है। केंद्रीय एजेंसी ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश में नोएडा पुलिस द्वारा एल्विश और अन्य लोगों के खिलाफ दायर एक एफआईआर और आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद प्रिवेंशन मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

इसके अलावा खबर ये भी है कि ईडी एल्विश यादव के साथ-साथ बड़े होटल रिसॉर्ट्स और फार्म हाउस के मालिकों से भी पूछताछ करेगी। बता दें कि नोएडा पुलिस द्वारा एल्विश यादव को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। ईडी ने एल्विश पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।

एल्विश यादव को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक मामले में 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। सांप के जहर तस्करी मामले में एल्विश यादव गौतमबुद्ध नगर की बक्सर जेल में बंद थे। 17 मार्च को एल्विश को पांच अन्य लोगों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने एक बैंकेट हॉल में छापा मारकर 4 सपेरों समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया था और 9 सांप और उनका जहर बरामद किया गया था। एल्विश यादव पर आरोप है कि वह रेव पार्टी के लिए सांपों के जहर का इंतजाम करते थे और सांपों का इस्तेमाल अपने वीडियो शूट के लिए भी करते थे।

दरअसल साल 2023 के अंत में पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था के पदाधिकारी ने एल्विश यादव और उनके साथियों पर सांपों के जहर का इस्तेमाल और खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए सेक्टर-49 थाने में केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने पार्टी वाली जगह पर रेड की थी, जहां पांच सेपेरों के पास से कोबरा समेत नौ सांप और 20 एमएल जहर मिला था। इसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया था।

इसके बाद संस्था के पदाधिकारी का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें मुख्य आरोपी राहुल संस्था के पदाधिकारी से बात करता सुनाई देता है। इसमें राहुल कह रहा है कि वह एल्विश की ओर से आयोजित होने वाली पार्टियों में शामिल हो चुका है। राहुल पार्टियों में अपने अन्य सपेरे दोस्तों के साथ गया था। हालांकि, बाद में सभी को जमानत मिल गई थी। पुलिस टीम ने एल्विश यादव के कॉल डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला, जब उसके खिलाफ नोएडा पुलिस को पर्याप्त सबूत मिल गए तो पुलिस ने उसे नोटिस देकर पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया। पूछताछ के बाद उसे नोएडा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पांच दिन तक जेल में रहने के बाद एल्विश जमानत पर छूट गया।

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