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हृदय नारायण दीक्षित निर्विरोध चुने गए यूपी विधानसभा अध्यक्ष

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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं विधायक हृदय नारायण दीक्षित यूपी की 17वीं विधानसभा के लिए निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने गए। इस पद पर आसीन होने के बाद दीक्षित ने कहा कि उप्र की विधानसभा को आदर्श विधानसभा बनाना उनका प्रमुख लक्ष्य है।

दीक्षित के निर्वाचन पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी सहित प्रदेश सरकार के मंत्रियों, विधायकों एवं पार्टी नेताओं ने उन्हें बधाई दी है।मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को बधाई देते हुए कहा, “हम उप्र की 22 करोड़ जनता को ध्यान में रखकर काम करेंगे और हमें सदन में विपक्षी दलों का भी सहयोग चाहिए। चुनाव में हम एक दूसरे के खिलाफ लडक़र आए हैं। लेकिन सदन के अंदर हम सब को उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता के लिए काम करना होगा। हम सबको मिलकर काम करना होगा।”

उन्होंने कहा, “हमें जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना है। हमारा लक्ष्य सदन को आदर्श विधानसभा बनाना है।”

हृदय नारायण दीक्षित इस बार उन्नाव के भगवंतनगर से विधायक निर्वाचित हुए हैं। गत 19 मार्च को मुख्यमंत्री योगी के शपथ ग्रहण समारोह में हृदय नारायण दीक्षित को मंत्रिमंडल की शपथ नहीं दिलाई गई थी। तभी से यह तय माना जा रहा था कि वह विधानसभा अध्यक्ष बनेंगे। लेकिन भाजपा ने इस बाबत अब तक कोई घोषणा नहीं की थी।

पार्टी के निर्देश पर हृदय नारायण दीक्षित ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष के लिए अपना नामांकन किया था। इस पद के लिए दूसरे किसी नेता के नामांकन न किए जाने से वह निर्विरोध चुने गए।

हृदय नारायण दीक्षित को इसलिए विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया, क्योंकि वह संसदीय कार्य मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा सदन में कार्य करने का उनका लंबा अनुभव है। वह चार बार विधायक एवं विधान परिषद सदस्य रह चुके हैं। विधान परिषद में वह भाजपा नेता के रूप में जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।

इसके अलावा उनकी संगठन में भी खासी पकड़ मानी जाती है। वह उन्नाव जिलाध्यक्ष रहने के साथ ही प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। दीक्षित के हजारों लेख एवं किताबें भी प्रकाशित हो चुकी है। वहीं आपातकाल के दौरान वह करीब 19 महीने तक जेल में रह चुके हैं।

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कोटा में बिहार के छात्र ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, कर रहा था JEE की तैयारी

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कोटा। राजस्थान के कोटा में बिहार के एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक छात्र का नाम आयुष है। वो कोटा में रहकर jEE की तैयारी कर रहा था। मृतक के परिजनों के कोटा पहुंचने के बाद पुलिस ने छात्र के शव का पोस्टमार्टम कराया।

जांच अधिकारी कमल किशोर ने बताया कि रविवार की रात बिहार के मोतिहारी निवासी कोचिंग छात्र आयुष जायसवाल ने रोशनदान में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। जब छात्र अपने कमरे से बाहर नहीं आया तो उसके दोस्तों ने दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई जवाब नहीं आने पर पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद छात्र की खुदकुशी का मामला सामने आया। इस मामले की महावीर नगर थाना पुलिस जांच कर रही है।

पुलिस का कहना है कि छात्र के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। बता दें कि कोटा में लगातार कोचिंग स्टूडेंट्स खुदकुशी कर रहे हैं। इसको लेकर पुलिस जागरूकता फैलाने में जुटी है। कोचिंग संस्थानों को भी आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए हैं।

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