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हिमाचल में 9 नवंबर को चुनाव, गुजरात चुनाव बाद में होगा

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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)| चुनाव आयोग ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की है लेकिन आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनावों के तिथि की घोषणा नहीं की। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले वर्ष जनवरी में समाप्त हो रहा है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ए. के. जोति ने चुनाव की तिथि की घोषणा करते हुए बताया कि नामांकन भरने की तिथि 16 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक होगी और नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर होगी।

चुनाव केवल एक दिन नौ नवंबर को कराया जाएगा और वोटों की गिनती गुजरात चुनाव में मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 18 दिसंबर को की जाएगी।

जोति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है जिसके अंतर्गत सरकार कोई भी नीतिगत फैसले नहीं ले सकती। उसी तरह केंद्र सरकार भी हिमाचल प्रदेश के लिए कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकती।

68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल सात जनवरी 2018 को और 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 22 जनवरी को समाप्त होने वाला है।

मुख्य चुनाव आयुक्त से पत्रकारों ने गुरुवार को जब गुजरात चुनाव की तिथियों की घोषणा नहीं करने के संबंध में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनावों में देरी की वजहों के लिए पहले कुछ कार्यालय ज्ञापन (ऑफिस मेमोरेंडम्स) जारी किया गया था और कहा कि चुनाव आयोग के पास वैधानिक रूप से 21 दिन तक चुनाव देरी से कराने का अधिकार है जिसे बढ़ाकर 45 दिन किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में वोटों की गिनती से पहले गुजरात में विधानसभा चुनाव करा लिए जाएंगे।

जोति ने कहा, मूल सिद्धांत यह है कि कम अंतराल में होने वाले चुनावों में एक राज्य के वोटिंग पैटर्न का असर दूसरे राज्य में होने वाले चुनाव पर नहीं पड़ना चाहिए। हिमाचल के नतीजे आने से पहले गुजरात में चुनाव हो चुके होंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में वीवीपैट मशीन लगाए जाएंगे ताकि मतदाता यह देखने में सक्षम हों कि उन्होंने किस पार्टी, चुनाव चिह्न् एवं उम्मीदवार को वोट दिया है।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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