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हिमाचल में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लगाने की समय सीमा तय

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शिमला, 22 सितम्बर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पंचायती राज संस्थानों में अधिकारियों के ढुलमुल रवैये पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार को सभी सरकारी कार्यालयों में जवाबदेही बढ़ाने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लगाने के आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति त्रिलोक सिंह चौहान ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को न केवल पंचायतों में, बल्कि राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में कार्य प्रणाली में सुधार करने के लिए डिजिटल उपस्थिति प्रणाली लगाने के निर्देश दिए हैं।

मीडिया में गुरुवार को जारी विस्तृत आदेश के अनुसार, न्यायाधीश ने मुख्य सचिव वी.सी. पारेख को न केवल पंचायती राज विभाग बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे अन्य विभागों के संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाने और सरकारी कर्मचारियों खासकर दूर-दराज के इलाकों में कार्यरत सभी सरकारी कर्मचारियों की समय पर कार्यालयों में उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

इस संबंध में मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी और अदालत ने इससे पहले इस संबंध में मुख्य सचिव को निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।

अदालत ने यह आदेश ऐसे समय में जारी किया है, जब पंचायती राज निदेशक आर. सेल्वम ने स्वीकार किया कि पंचायतों के समुचित संचालन के लिए उपायों को अपनाने का मुद्दा काफी बड़ा है और जितना दिखता है, कहीं उससे अधिक गंभीर है।

सेल्वम के अनुसार, पंचायतों के समुचित संचालन के लिए बड़े स्तर पर फैसला लिए जाने की जरूरत है।

अदालत ने कहा, सचिव, तकनीकी सहायक और अन्य को केवल एक पंचायत को नहीं देखना होता है, इसलिए सभी कार्य दिवस पर सभी पंचायतों में उपस्थित रहना संभव नहीं है। इसलिए प्रतिवादी को एक पंचायत में एक समय तय करना चाहिए, जहां यह अधिकारी उपस्थिति हो।

न्यायमूर्ति चौहान ने कहा कि सरकार को खासकर संचार तकनीक का भी फायदा उठाना चाहिए और जमीनी स्तर पर कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए मोबाइल एप भी लांच करना चाहिए।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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