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हिमाचल चुनाव : वीरभद्र की कर्मभूमि ‘रोहडू’ में भाजपा ठोक रही ताल
नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में यूं तो हर सीट पर दिग्गज नेताओं के बीच कांटे की टक्कर है, लेकिन कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन पर दोनों मुख्य पार्टी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हमेशा से दबदबा रहा है। इस सीटों पर आलम ये हैं कि विपक्षी दलों के लिए यहां जीत की गुंजाइश न के बराबर ही रहती है। ऐसी ही एक सीट है ‘रोहडू’, जिसे वीरभद्र सिंह की कर्मभूमि के नाम से जाना जाता है।
सीट संख्या-67 यानी रोहडू विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 112,238 है, जिसमें से इस दफा 68,568 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। शिमला लोकसभा क्षेत्र और शिमला जिले का हिस्सा रोहडू विधानसभा किसी पहचान का मोहताज नहीं है।
रोहडू पर कांग्रेस का एक छत्र राज रहा है। 1977 को छोड़ दें तो यहां हुए अब तक आठ चुनावों में कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल कर भाजपा को इस क्षेत्र से महरूम रखा है। इस विधानसभा क्षेत्र से अकेले ही छह बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पांच बार लगातार चुनाव जीता है। इस कारण इस क्षेत्र को वीरभद्र की कर्मभूमि के नाम से जाना जाता है।
2008 में परिसीमन के बाद यह विधानसभा क्षेत्र अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया। सीट आरक्षित होने के बाद वीरभद्र को यह सीट छोड़नी पड़ी और उन्होंने शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। लेकिन वीरभद्र का साथ छूटने के बाद भी क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा और अगले चुनाव 2012 में भी कांग्रेस ने ही बाजी मारी। वीरभद्र सिंह का नाम जुड़ा होने के कारण इस क्षेत्र में जाति समीकरण अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे हैं।
कांग्रेस का गढ़ रहे रोहडू में 2012 चुनाव में मोहन लाल बराक्टा ने पार्टी के बैनर तले चुनाव जीता था। 52 साल के मोहन कानून में स्नातक हैं। परिसीमन के बाद उन्हें यह सीट वीरभद्र की विरासत के रूप में मिली है। राजनीति का लंबा अनुभव न होने के कारण भी उन्होंने रोहडू पर आसानी से जीत दर्ज कर ली थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में मोहन ने भाजपा के बालक राम नेगी को रिकॉर्ड 28,415 मतों से हराया था। साधारण परिवार से ताल्लुक रखते मोहन अपनी सादगी के लिए जनता के बीच प्रसिद्ध है। मोहन ने 2017 चुनाव में नामांकन दाखिल कर अपनी दावेदारी पेश की है।
वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा हमेशा से ही इस क्षेत्र में चुनौती पेश करने में विफल रही है। पहले वीरभद्र और अब मोहन भाजपा के लिए गले की फांस बने हुए हैं। भाजपा ने चुनाव में महिला प्रत्याशी शशि बाला को मैदान में उतारा है। शशि बाला रोहडू विधानसभा से खड़ी होने वाली पहली महिला प्रत्याशी हैं और पार्टी में जिला महासू महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं। शशि रोहड़ू में कुछ माह पहले ही सक्रिय हुई हैं, जिसके बाद भाजपा ने उन्हें अपना विधानसभा प्रत्याशी घोषित किया है।
इसके अलावा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के शूरवीर सिंह और स्वाभिमान पार्टी के नारायण चंद अपनी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश चुनाव में हर नेता की किस्मत और कुर्सी दांव पर लगी है लेकिन कांग्रेस के लिए जंग वीरभद्र की विरासत को बचाने की है। आंकड़े दर्शाते हैं कि यहां कब्जा और सियासत दोनों कांग्रेस के माफिक ही रही है, जिसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि नतीजे भी कुछ इसी तरह की ही कहानी बयां करने जा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में मतदान 9 नवंबर को होने जा रहा है।
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पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे
श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।
नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।
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