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हार्दिक पटेल ने टाली ‘उल्टी दांडी यात्रा’

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अहमदाबाद। गुजरात सरकार को थोड़ी राहत देते हुए पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएसएस) ने रविवार से प्रस्तावित उल्टी दांडी यात्रा दो दिनों के लिए टाल दी है। 390 किलोमीटर लंबी यात्रा नवसारी से शुरू होनी थी।

पीएएसएस के संयोजक हार्दिक पटेल ने रविवार को कहा कि हम सरकार के निमंत्रण का मान रख रहे हैं। सरकार ने हमें सोमवार को बातचीत के लिए राजधानी गांधीनगर बुलाया है। लेकिन अगर बातचीत संतोषजनक नहीं रही तो फिर मंगलवार से उल्टी दांडी यात्रा शुरू की जाएगी।” 22 साल के हार्दिक ने बताया कि मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल से मुलाकात के दौरान उनकी पहली मांग उन 4200 पुलिसवालों के निलंबन की होगी, जो 25 अगस्त की अहमदाबाद रैली के दौरान कथित रूप से ज्यादतियों में शामिल थे।

हार्दिक ने कहा, “हमारी पहली मांग उन पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की होगी, जिन्होंने पाटीदारों पर लाठियां बरसाई थीं और हमारे 123 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरक्षण की मांग बाद में की जाएगी।” उन्होंने कहा कि पाटीदारों के आंदोलन को न केवल देश के अन्य राज्यों से समर्थन मिला है, बल्कि पूरी दुनिया में फैले पटेलों ने भी इसका समर्थन किया है। हार्दिक ने कहा, “सरकार की चिंता इस बात को लेकर भी है कि यह आंदोलन कम से कम उन 14 देशों में फैल सकता है, जहां पटेल रहते और काम करते हैं। यह एक लंबी दौड़ है और लंबे समय तक जारी रहेगी।”

यात्रा को टालने का फैसला तब हुआ, जब राज्य के वित्तमंत्री सौरभ पटेल ने शनिवार देर रात मुख्यमंत्री की तरफ से पीएएसएस को बातचीत का न्योता दिया। पीएएसएस के सूरत के संयोजक अल्पेश पटेल ने कहा कि उल्टी दांडी यात्रा समुद्रतटीय दांडी गांव से शुरू होकर अहमदाबाद के साबरमती आश्रम तक के लिए प्रस्तावित है। अनुमान है कि इसमें पटेल समुदाय के नौ लाख लोग हिस्सा लेंगे। दांडी गांव उस वक्त दुनिया भर में चर्चा में आया था, जब 12 मार्च, 1930 को महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से दांडी तक के लिए ऐतिहासिक 24 दिनों की यात्रा निकाली थी। रास्ते भर लोग इसमें जुड़ते रहे थे। उस समय इसमें एक लाख लोगों ने हिस्सा लिया था।

हार्दिक, पटेलों के लिए आरक्षण की मांग के समर्थन में इसी दांडी से मार्च निकालकर सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं। यह 25 अगस्त की अहमदाबाद रैली के बाद का सबसे बड़ा प्रदर्शन होगा। 25 अगस्त के प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा में 11 लोग मारे गए थे। हालात पर काबू पाने के लिए राज्य में सेना तक तैनात करनी पड़ी थी।

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राजस्थान के दौसा में सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को बेकाबू कार ने कुचला, तीन की मौत, 8 घायल

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दौसा। राजस्थान के दौसा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यहाँ एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि हादसे में दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि छह को आगे के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। कार को जब्त कर लिया गया है, हालांकि चालक फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

हादसा गुरुवार की रात करीब 11.15 बजे हुआ है। सभी मृतक व घायल खानाबदोश परिवार के लोग थे, जो टीकाराम पालीवाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सड़क किनारे झुग्गी में रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल बृजकिशोर ने बताया कि रात करीब 11.20 बजे घटना की सूचना पुलिस को मिली थी। फौरन पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि तेज रफ्तार कार के ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए सड़क किनारे सो रहे लोगों को कुचल दिया है। घटना की सूचना पर गुरुवार की देर रात महवा विधायक राजेंद्र मीणा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों का हालचाल जाना और थाना इंचार्ज जितेंद्र सोलंकी को कार ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा।

जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि दौसा के महवा से रेफर होकर 6 घायलों को यहां भर्ती किया गया था। इसमें से 1 दिलीप नाम के युवक को छुट्‌टी दे दी गई है। 5 अन्य को सर्जरी यूनिट में भर्ती रखा गया है। इसमें एक मरीज के सिर में थोड़ी ज्यादा चोट है, बाकी चार की स्थिति सामान्य है। इनका इलाज चल रहा है।

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