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बिजनेस

हायरमी 1 लाख युवाओं को नौकरी दिलाएगी

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नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)| कौशल परीक्षण रोजगार प्लेटफार्म मोबाइल एप हायरमी ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ हाथ मिलाया है। इस साझेदारी से हायरमी शहरों और कस्बों में छात्रों एवं नियोक्ताओं के बीच की दूरियों को कम करेगी।

कंपनी ने 10 लाख छात्रों तक पहुंच के साथ एक लाख छात्रों को नौकरी दिलाने का लक्ष्य तय किया है। हायरमी के संस्थापक चॉको वलियप्पा ने कहा, हमारा उद्देश्य मौजूद रिक्रूटमेंट मॉडल को बदलना है, जहां ज्यादातर नियोक्ता निर्धारित बजट के तहत काम करते हैं और कैम्पस प्लेसमेंट के लिए चुनिंदा कॉलेजों में ही जा पाते हैं। ऐसे में कम प्रसिद्ध व दूर के संस्थानों के विद्यार्थी भर्ती प्रक्रिया में पीछे छूट जाते हैं।

उन्होंने कहा, हमारे यहां बहुत-से बेहतरीन छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और हम चाहते हैं कि वे अपनी पूरी क्षमता को जान सकें। हायरमी विद्यार्थियों से उसके पोर्टल व एप को एक्सेस करने का शुल्क नहीं लेता है और इसी के साथ ही यह भी सुनिष्चित करता है कि वे अपने कौशल व योग्यता के अनुसार नौकरियां पा सकें।

चॉको वलियप्पा ने आगे कहा, हमारा मिशन वर्ष 2017-18 में 10 लाख युवाओं के कौशल का आकलन करना है ताकि 2018 के वर्ष के अंत तक एक लाख रोजगार के मौके पैदा किए जा सकें।

एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल दत्तात्रेय सहस्त्रबुद्धे ने कहा, नौकरी की तलाश कर रहे सभी युवाओं के लिए यह सपने पूरे करने वाला एप है। नौकरी के लिए सही उम्मीदवार बताकर, हायरमी न सिर्फ ‘नियोक्ताओं-छात्रों’ के बीच की दूरी को खत्म कर रहा है बल्कि हमारे देश में रोजगार के मौके पैदा करने में भी मदद कर रहा है। इसके जरिए छात्र समुदाय को मदद मिले यह सुनिश्चित करने के लिए इस एमओयू को एआईसीटीई के समूचे स्टाफ ने अच्छे-से जांच-परखा है।

अनुबंध के तहत, हायरमी एआईसीटीई से संबद्ध कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों को अनूठा और अपनी तरह का पहला प्लेसमेंट सॉल्यूशन मुहैया कराएगी। दूसरी ओर, परिषद एआईसीटीई से संबद्ध संस्थानों में इसकी पहुंच का विस्तार करने में मदद करके इसके पोर्टल व एप के स्कोप का विस्तार करने में हायरमी का सहयोग करेगी।

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बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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