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हाफिज सईद के रिहा होने पर यूपी में मनाया गया जश्न, समर्थन में जुटे लोग

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लखीमपुर खीरी। आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का संस्थापक व 2008 मुम्बई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद शुक्रवार को 10 महीने की नजरबंदी के बाद रिहा हो गया। रिहाई के फौरन बाद हाफिज सईद ने जम्मू एवं कश्मीर की आजादी के लिए जिहाद जारी रखने की बात कही। उधर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हाफिज सईद की रिहाई के फौरन बाद जश्न का माहौल देखा गया।

लखीमपुर से मिली जानकारी के अनुसार यहां रात में आतंकी हाफिज सईद के समर्थन में एक धार्मिक स्थल के पास लोग जश्न मनाते दिखे और आतिशबाजी कर उसके समर्थन में नारेबाजी भी की है। इतना ही नहीं शहर में कई इलाकों में हरे रंग के झंडे लगाकर लोगों ने अपनी खुशी का इजहार किया।

वहीं आरएसएस के कार्यकर्ता के घर के सामने भी हरे रंग के झंडे लगाया गया है। मामला जब जोर पकड़ा तो मौके पर पुलिस ने झंडे को फौरन उतारने का आदेश दिया है। पूरा मामला लखीमपुर शहर के मुहल्ला बेगमबाग व लक्ष्मीनगर का बताया जा रहा है।

यहां पर कुछ लोगों ने जश्न मनाने के साथ-साथ अपने घरों के बाहर हरा रंग का झंडा लगाया है। मामला जब ज्यादा बढ़ गया तो प्रशासन में हड़कम्प मच गया। झंडा उतरवाने के लिए कुछ लोग आगे बढ़े लेकिन झंडा लगाने वाला पक्ष सामने आ गया।

दोनों पक्षों में जमकर बहस भी हुई। इसके बाद पूरे मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंचकर झंडे को फौरन उतरवाने लगी। पुलिस के मुताबिक आरोप है कि कुछ लोगों ने हाफिज की रियाई के बाद हाफिज सईद के समर्थन में एक धार्मिक स्थल के पास आतिशबाजी की गई और जमकर नारेबाजी भी हुई।

पुलिस ने इस मामले की गम्भीरता को समझा और फौरन डीएम आकाशदीप ने जांच के निर्देश भी दे डाले हैं। डीएम ने साफ कहा कि जांच में जो दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उधर आरएसएस कार्यकर्ता ने पूरे मामले की सूचना भाजपा के कुछ नेताओं को दी।

बता दें कि जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख पर आतंकी गतिविधियों में उसकी भूमिका के लिए अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा हुआ है। लाहौर उच्च न्यायालय के समीक्षा बोर्ड ने सरकार द्वारा हाफिज सईद को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बताने की दलील को खारिज करते हुए रिहा कर दिया।

सईद की नजरबंदी को बुधवार को एक अदालत ने समाप्त करने का फैसला दिया। अदालत ने यह फैसला सबूतों के अभाव की वजह से दिया। सईद को इस साल 30 जनवरी से नजरबंद रखा गया था और एक अदालत नियमित रूप से उसकी नजरबंदी का नवीनीकरण करती रही। हाफिज सईद की नजरबंदी का आदेश गुरुवार की मध्यरात्रि को खत्म हो गया। इसके बाद अधिकारियों ने सईद के जोहार टाऊन स्थित आवास से जेल कर्मियों को हटा लिया।

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राजस्थान के दौसा में सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को बेकाबू कार ने कुचला, तीन की मौत, 8 घायल

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दौसा। राजस्थान के दौसा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यहाँ एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि हादसे में दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि छह को आगे के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। कार को जब्त कर लिया गया है, हालांकि चालक फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

हादसा गुरुवार की रात करीब 11.15 बजे हुआ है। सभी मृतक व घायल खानाबदोश परिवार के लोग थे, जो टीकाराम पालीवाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सड़क किनारे झुग्गी में रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल बृजकिशोर ने बताया कि रात करीब 11.20 बजे घटना की सूचना पुलिस को मिली थी। फौरन पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि तेज रफ्तार कार के ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए सड़क किनारे सो रहे लोगों को कुचल दिया है। घटना की सूचना पर गुरुवार की देर रात महवा विधायक राजेंद्र मीणा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों का हालचाल जाना और थाना इंचार्ज जितेंद्र सोलंकी को कार ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा।

जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि दौसा के महवा से रेफर होकर 6 घायलों को यहां भर्ती किया गया था। इसमें से 1 दिलीप नाम के युवक को छुट्‌टी दे दी गई है। 5 अन्य को सर्जरी यूनिट में भर्ती रखा गया है। इसमें एक मरीज के सिर में थोड़ी ज्यादा चोट है, बाकी चार की स्थिति सामान्य है। इनका इलाज चल रहा है।

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