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स्मार्ट सिटी की दौड़ में यूपी के सबसे ज्यादा 13 शहरों ने बाजी मारी
नई दिल्ली। शहरों में जीवन स्तर की गुणवत्ता सुधारने की तरफ कदम बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने गुरुवार को 98 स्मार्ट सिटी की सूची जारी की। दो अन्य शहरों के नाम सूची में बाद में जोड़े जाएंगे। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने इन 98 शहरों के नामों का ऐलान किया जिन्हें स्मार्ट सिटी मिशन के लिए नामित किया गया है। उन्होंने कहा कि इन शहरों की लगभग 13 करोड़ की आबादी को इस योजना का लाभ मिलने जा रहा है।
नायडू ने कहा कि केंद्र सरकार का प्रस्ताव है कि अगले पांच साल में इन शहरों को 48000 करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाए। नायडू ने बताया, “इस सूची में उत्तर प्रदेश के 13, तमिलनाडु के 12, महाराष्ट्र के 10, मध्य प्रदेश के 7, बिहार के 3 और आंध्र प्रदेश के 3 शहर शामिल हैं।” उन्होंने कहा, “स्मार्ट सिटी स्मार्ट लोग मांगती है। हमें अपने इस मिशन को आगे ले जाने के लिए लोगों का सहयोग चाहिए।” उन्होंने कहा, “98 शहरों की तकरीबन 13 करोड़ आबादी स्मार्ट सिटी मिशन के दायरे में आएगी। इन्हें स्मार्ट बनाने का अर्थ होगा इन्हें आर्थिक विकास का इंजन बनाना। साथ ही इससे नागरिकों को एक अच्छा जीवन भी मिलेगा। ”
सूची में 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की राजधानियां शामिल हैं। 9 राज्यों की राजधानियां ऐसी हैं जो स्मार्ट सिटी के लिए नामित नहीं हो सकी हैं। इनमें ईटानगर, पटना, शिमला, बेंगलुरु और कोलकाता शामिल हैं। नायडू ने कहा कि इस योजना का मुख्य मकसद शहरों में जीवन स्तर को सुधारना है। उन्होंने कहा, “यह मिशन बहुत व्यावहारिक और यथार्थवादी है।” सरकार के कदम का स्वागत करते हुए मुंबई के वास्तुविद चंद्रशेखर प्रभु ने कहा कि देश को दरअसल 300 स्मार्ट शहर चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर को सिर्फ कुछ धन देने से बात नहीं बनेगी। जरूरत इस बात की है कि स्मार्ट सिटी के लिए बुनियादी सतह से काम शुरू किया जाए। ऐसी सुविधाएं और आधारभूत ढांचा दिया जाए कि ऐसी स्मार्ट सिटी में लोग आना चाहें।
महाराष्ट्र में 10 नामित स्मार्ट सिटी में मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, नासिक, कल्याण-डोंबीवली, पुणे, औरंगाबाद, सोलापुर, नागपुर और अमरावती शामिल हैं। सूची में देश के पहले नियोजित रूप से विकसित शहर चंडीगढ़ का भी नाम है। चंडीगढ़ के प्रवक्ता ने कहा कि यह शहर प्रशासन और लोगों के प्रयासों का नतीजा है।
स्मार्ट सिटी की सूची में इन शहरों के नाम हैं : पोर्ट ब्लेयर, विशाखापट्टनम, तिरुपति, काकीनाडा, पासीघाट, गुवाहाटी, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बिहारशरीफ, चंडीगढ़, रायपुर, बिलासपुर, दिउ, सिलवासा, एनडीएमसी, पणजी, गांधीनगर, अहमदाबाद, सूरत, वडोडरा, राजकोट, दाहोद, करनाल, फरीदाबाद, धर्मशाला, रांची, मंगलुरु, बेलागावी, शिवामोगा, हुबली-धारवाड़, तुमकुरू, देवेनगिरी, कोच्चि, कावारत्ती, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, सतना, उज्जैन, नवी मुंबई, नासिक, ठाणे, ग्रेटर मुंबई, अमरावती, सोलापुर, नागपुर, कल्याण-डोंबीवली, औरंगाबाद, पुणे, इंफाल, शिलांग, आइजोल, कोहिमा, भुवनेश्वर, राउरकेला, आउलगारेत, लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, जयपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर, नामची, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, दिंदीगुल, तांजावुर, तिरुप्पुर, सालेम, वेल्लोर, कोयंबटूर, मदुरै, इरोड, थूटुकुडी, चेन्नई, ग्रेटर हैदराबाद, ग्रेटर वारंगल, अगरतला, मुरादाबाद, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली, झांसी, कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, गाजियाबाद, अगरा, रामपुर, देहरादून, न्यू टाउन कोलकाता, बिधाननगर, दुर्गापुर और हल्दिया।
नेशनल
पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे
श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।
नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।
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