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अन्तर्राष्ट्रीय

सीरिया में 170 आईएस आतंकवादी ढेर

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बेरुत| सीरिया में रविवार को कुर्द सेना और अमेरिकी नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन की ओर से उत्तर-पूर्वी प्रांत अल-हसाका में किए गए हवाई हमले में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के 170 आतंकवादी मारे गए। यह जानकारी एक कुर्द अधिकारी ने मंगलवार को दी। कुर्द स्वायत्त क्षेत्र अल-हसाका में कुर्दिश स्वायत्त क्षेत्र अल-जाजिरा के रक्षा विभाग के प्रवक्ता नासिर हज मंसूर ने बताया, “गठबंधन की गोलाबारी तथा कुर्द एवं इसाई लड़ाकों के हमलों में 170 से 200 आतंकवादी मारे गए।”

इधर, सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स का कहना है कि हवाई हमलों में अधिकतर जिहादी मारे गए।

मंसूर ने बताया कि हमले तेल तामर शहर के सीमावर्ती इलाके में हुए, जहां आईएस आतंकवादी फरवरी से कुर्द लड़ाकों और उनके सहयोगियों के साथ संघर्षरत थे।

कुर्दो ने मंगलवार को तेल तामर के दक्षिण में तालोन शहर पर कब्जा कर लिया। हालांकि तेल तामर के दक्षिण में अब भी कई गांव आईएस के कब्जे में हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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