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अन्तर्राष्ट्रीय

सीरिया में हवाई हमलों में 34 मरे

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दमिश्क | सीरिया के उत्तरपश्चिम और दक्षिणी हिस्सों में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों पर बुधवार को किए गए हवाई हमलों में 34 व्यक्ति मारे गए हैं। यह जानकारी एक निगरानी समूह ने दी।

निगरानी संस्था, सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि उत्तर पश्चिमी शहर इदलिब और उसके उपनगर साराकेब में हवाई बमबारी में 24 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में दो बच्चे भी शामिल हैं। ब्रिटेन स्थित निगरानी संस्था ने कहा कि हवाई हमलों में एक इमारत को निशाना बनाया गया जहां पर नागरिक छिपे हुए थे। साथ ही उसने बताया कि एक अन्य हवाई हमला अबू अलदुहुर हवाईअड्डे के चारों ओर किया गया, जिसे इदलिब के ग्रामीण इलाकों में अलकायदा से जुड़े नुसरा फ्रंट ने घेर रखा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, निगरानी संस्था ने कहा कि दक्षिणी प्रांत दारा में सीरियाई सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों में सात बच्चों सहित 10 लोगों की मौत हो गई। दारा, जार्डन सीमा के निकट अलकायदा आतंकवादियों का एक प्रमुख ठिकाना है।

सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी सना ने कहा है कि सीरियाई सेना ने हवाई हमलों में इदलिब के ग्रामीण इलाकों में विद्रोहियों से संबंधित वाहनों और हथियारों को निशान बनाया। सीरियाई सेना ने एक दिन पहले अलेप्पो शहर के पश्चिमी हिस्से में स्थित सरकारी नियंत्रण वाले जमीयत-अल-जहारा जिले पर नुसरा फ्रंट द्वारा किए गए एक हमले को असफल कर दिया था। इसी के एक दिन बाद अलेप्पो में यह अभियान चलाया गया। नुसरा के आतंकवादियों ने एविएशन इंटेलिजेंस मुख्यालय के नीचे जमीयत-अल-जहारा इलाके में स्थित एक सुरंग को उड़ा दिया। इसके बाद मंगलवार को कई घंटों तक यहां लड़ाई जारी रही।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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