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मुख्य समाचार

सीएम अखिलेश ने फहराया तिरंगा, हर तबके के विकास का दावा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 69वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी लखनऊ में तिरंगा फहराया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार किसान और आम लोगों की सरकार है। अपने तीन साल के कार्यकाल में सरकार ने वह हर काम किया है, जिससे समाज के हर तबके को फायदा हो।

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत इस साल नेपाल में आए भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धाजंलि देने के साथ की। वह प्रदेश के विधानसभा परिसर में तिरंगा फहराने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि इस सरकार ने पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा किसानों के लिए काम किया है। इसके अलावा समाज के हर क्षेत्र, चाहे वे छात्र हों या नौजवान, उनके लिए सरकार खड़ी रही है।

उन्होंने प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सड़कों का ऐसा जाल बिछाएगी, जिससे एक शहर से दूसरे शहर जाना सुगम होगा। उन्होंने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस के अलावा सड़कों की अन्य परियोजनाओं की भी चर्चा की। उन्होंने इसके फायदे भी गिनाए। अखिलेश ने कहा कि अल्पसंख्यकों, महिलाओं और पिछड़ों को आगे लाने के लिए सरकार ने सबसे ज्यादा काम किया।

अपनी सरकार की उपलब्धि और रोडमैप का खाका खींचते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हर वर्ग के विकास के लिए संकल्पित है। फिर वह चाहे छात्र हों या फिर महिलाएं। उन्होंने सरकार की एंबुलेस सेवा का जिक्र करते हुए कहा कि एंबुलेंस सेवा आने के बाद बहुत से लोगों की दुर्घटना में जान बचाई जा सकी है। इस बात की तस्दीक आंकड़े करते हैं। रोजगार के अवसरों पर अखिलेश ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हर क्षेत्र में मौके पैदा किए हैं। कई विभागों में बंद पड़ी भर्तियां शुरू की गई हैं।

उन्होंने 38 हजार पुलिस कर्मियों की भर्तियों का जिक्र करते हुए कहा कि जल्द ही पुलिस विभाग मंज और भी 40 हजार भर्तियां की जाएंगी। इनमें बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार को महिलाओं, अल्पसंख्यकों और समाज के कमजोर तबके का हितैषी बताया। उन्होंने 1090 सेवा का जिक्र करते हुए महिला सुरक्षा पर सरकार का पक्ष रखा। सपा के प्रदेश कार्यालय में पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने देश व प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि इस देश को आजादी दिलाने में लाखों लोगों ने अपना बलिदान दिया, आज उन्हें नमन तथा उनके संकल्प को पूरा करने का दिन है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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