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अन्तर्राष्ट्रीय

सिसी नहीं बनाएंगी राजनीतिक पार्टी

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काहिरा| मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने मंगलवार को कहा कि वह राजनीतिक पार्टी का गठन विशेषकर उस समय नहीं करना चाहते जब चंद महीनों में संसदीय चुनाव कराए जाने हैं।  विभिन्न पार्टियों के नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ दो दिनों तक बैठक करने के बाद सिसी ने कहा कि वह ‘मत विभाजन और ध्रुवीकरण’ से बचने के लिए राजनीतिक पार्टी का गठन नहीं करना चाहते। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मार्च में होने वाले चुनाव से पूर्व सरकार किसी राजनीतिक गठबंधन या उम्मीदवारों की सूची का समर्थन नहीं करेगी।

स्वेज विश्वविद्यालय में राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रमुख गमल सलामा ने कहा, “यह राजनीतिक पार्टियों को दोबारा आश्वस्त किए जाने के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि अगर राष्ट्रपति राजनीतिक पार्टी का गठन करते हैं तो अधिकांश संसदीय सीट आसानी से उनके खाते में चली जाएगी।”

सलामा ने कहा कि अधिकांश नेता अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए उनकी पार्टी में शामिल होने की कोशिश करेंगे। लेकिन राष्ट्रपति के इस आश्वासन से आगामी चुनाव में गैर-ध्रुवीकृत प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

आधुनिक मिस्र के इतिहास में सैन्य समर्थित राष्ट्रपति सत्तारूढ़ पार्टी का नेतृत्व करते हैं। इसके पहले नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) की सरकार थी, जिसका नेतृत्व दिवंगत राष्ट्रपति अनवर सदात और फिर होस्नी मुबारक ने किया था, जिसने विपक्षियों को देश की राजनीति में प्रभावी नहीं बनने दिया।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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