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अन्तर्राष्ट्रीय

सिल्वेस्टर स्टेलॉन की कैंसर से मौत, कुछ ही घंटों में फिर हुए जिंदा

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वाशिंगटन। लोकप्रिय हॉलीवुड अभिनेता सिल्वेस्टर स्टेलॉन की सोमवार को कैंसर से मौत हो गई लेकिन कुछ ही घंटों बाद वह फिर से जिंदा हो गए। दरअसल यह सारा खेल सोशल मीडिया पर हुआ।

सोमवार को सोशल मीडिया पर सिल्वेस्टर स्टेलॉन की मौत की खबर वायरल हो गई। उन्हें कैंसर से पीडि़त बताया गया और एक तस्वीर भी दिखाई पड़ी, जिसमें वह बीमार दिख रहे हैं और उनके सिर पर बाल नहीं हैं।

बता दें कि सिल्वेस्टर हॉलीवुड के बेहद लोकप्रिय एक्टर्स में से एक हैं और वह ‘रैंबो’ और ‘रॉकी’ सीरीज की फिल्मों में काम कर चुके हैं।

मौत की झूठी खबर फैलने पर सिल्वेस्टर (71) ने ट्वीट कर इसका खंडन किया और कहा कि कृपया इस मूर्खता को नजरअंदाज करें। मैं जिंदा, अच्छा, खुश और स्वस्थ हूं। सिल्वेस्टर ने बताया कि जिस तस्वीर में दिखाया गया है कि वह बीमार हैं और उनके सिर पर बाल नहीं है, वह उनकी फिल्मों में से किसी एक फिल्म का दृश्य हो सकता है।

उनके भाई फ्रैंक (67) ने भी ऐसी खबरें फैलाने वालों को ‘मानसिक रूप से विक्षिप्त’ करार दिया। फ्रैंक ने कहा कि क्रूर, बीमार, मानसिकता वाले लोगों ने ये किस तरह का पोस्ट किया है? इस तरह के लोग मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं और ऐसे लोगों की समाज में कोई जगह नहीं है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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