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मनोरंजन

साल खडूस’ के अलावा कोई फिल्म स्वीकार नहीं किया : माधवन

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अभिनेता आर. माधवन ने उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें उनके तमिल रीमेक ‘थानी ओरुवन’ में नाकारात्मक भूमिका निभाने की बात कही गई थी। माधवन ने बताया कि उन्होंने आगामी द्विभाषी फिल्म ‘साल खडूस’ के अलावा किसी भी फिल्म में काम करने की हामी नहीं भरी है। माधवन इससे पहले कंगना रनौत के साथ ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्‍स’ में नजर आए थे। उन्होंने शुक्रवार को ट्विटर पर इस बात की पुष्टि की।

ट्विटर पर माधवन ने लिखा, “दोस्तों मैं व्यक्तिगत रूप से स्पष्ट करना चाहूंगा कि मैंने कौन-सी फिल्में कबूल की हैं। बाकी सब अफवाहें हैं।”

उन्होंने लिखा, “इस साल मैंने किसी भी भाषा की किसी भी फिल्म में काम करना स्वीकार नहीं किया है। अभी मेरी जिंदगी ‘साल खडूस’ और ‘इरुद्धि सुत्तरु’ पर है।”

निर्देशक राजकुमार हिरन द्वारा निर्मित फिल्म ‘साल खडूस’ से सुधा कोंगरा प्रसाद हिंदी फिल्म उद्योग में शुरुआत करने जा रही हैं।

हिरानी के साथ माधवन की यह दूसरी फिल्म है। इससे पहले उन्होंने हिरानी के साथ ‘थ्री इडियट्स’ में काम किया था।

 

मनोरंजन

हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भ‍िडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना

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मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्‍टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भ‍िडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्‍टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भ‍िडू’ शब्‍द के इस्‍तेमाल पर दिल्‍ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्‍थानों के ख‍िलाफ केस किया है।

यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।

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