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सामाजिक असमानता छेड़छाड़, दुष्कर्म की वजह : जावेद अख्तर

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Javed akhtarजयपुर। मशहूर शायर और फिल्म गीतकार जावेद अख्तर का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म जैसे अपराधों के लिए पश्चिमीकरण को दोषी ठहराना गलत है। जयपुर साहित्य महोत्सव में ‘आफ्टर एंग्री यंग मैन, द ट्रैडिशनल वूमेन, व्हाट?’ विषय पर हुए सत्र में जावेद अख्तर ने बेंगलुरू में छेड़छाड़ की घटनाओं के संदर्भ में कहा, “पश्चिमीकरण का इन घटनाओं से कोई वास्ता नहीं है। इनकी मूल वजहें दो हैं, एक तो सामाजिक अलगाव और दूसरी आर्थिक विषमता।”

जावेद (72) ने श्रोताओं को ध्यान दिलाया कि हमारे देश का समाज ऐसा है जहां के छोटे शहरों-कस्बों में एक युवक 25 साल की उम्र तक पहुंचने तक किसी लडक़ी से कुल जमा पांच मिनट भी बात शायद ही करता है।

उन्होंने कहा, “हम अपनी सभ्यता को ऐसे ही परिभाषित करते हैं।”

गीतकार ने कहा, “कोई ऐसा व्यक्ति जिसने कभी किसी लडक़ी से बात तक न की हो, वह कैसे इस बात को समझेगा कि वह (लडक़ी) शरीर से अधिक कुछ और है? उसके लिए तो वह बस शरीर और वासना है।”

जावेद अख्तर ने कहा कि समाज का यही अलगाव युवकों में एक ‘अवांछित तापमान’ की वजह बनता है और इसी वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं।

उन्होंने कहा, “जो दूसरी वजह है, वह है आर्थिक विषमता। दिल्ली में लडक़ी (निर्भया कांड) के साथ जो कुछ हुआ था, वह वासना या सेक्स की चाहत नहीं दिखाता। वह गुस्सा, हताशा और यह दिखाता है कि उनमें समाज के प्रति कितना जहर भरा है। उन्होंने उसके साथ सिर्फ दुष्कर्म नहीं किया था, वह पाशविकता थी।”

उन्होंने कहा कि इसकी वजह आर्थिक विभेद है।

जावेद ने कहा, “लोग छोटे शहरों से आते हैं। बुरे हालात में रहते हैं और देखते हैं कि अमीर लोग कैसी शाहाना जिंदगी जी रहे हैं। इसके साथ ही उनका अतीत का, सामाजिक अलगाव वाला अनुभव भी उनके साथ होता है। उन्होंने कभी किसी लडक़ी से कायदे से कोई पूरी बात तक नहीं की हुई होती है।”

उन्होंने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि ‘भविष्य महिलाओं का है, पुरुषों का नहीं।’

उन्होंने कहा कि हर बात के लिए पश्चिमीकरण को दोषी ठहराने से समस्या नहीं सुलझेगी।

शायर एवं गीतकार ने कहा, “अगर आप अपने देश की बीमारियों की गलत पहचान करेंगे तो कभी इससे छुटकारा नहीं पा सकेंगे। आपको सही वजहों को स्वीकार करना होगा जो ऐसी घटनाओं की जड़ में होती हैं।”

उन्होंने कहा कि आज फिल्मों में ‘आदर्श भारतीय नारी’ की छवि बदल रही है। एक समय था जब फिल्म में मुजरा सुनकर आए पति का पत्नी जूता उतारकर उसकी सेवा करती दिखती थी। लेकिन, आज फिल्मों में महिलाएं अधिक प्रगतिशील हैं। उन्होंने ‘पीकू’, ‘पिंक’, ‘दिल धडक़ने दो’ जैसी फिल्मों की तारीफ की जो दिखाती हैं कि कैसे देश में स्थापित सामाजिक मूल्य अब बदल रहे हैं।

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अरविंदर सिंह लवली बीजेपी में शामिल, हाल ही में दिया था कांग्रेस से इस्तीफा

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को एक एक बाद एक झटके लग रह हैं। अब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली बीजेपी में शामिल हो गए हैं। लवली के अलावा कांग्रेस के पूर्व विधायक राज कुमार चौहान, नसीब सिंह, नीरज बसोया और पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में भाजपा में शामिल हुए। सभी कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

अरविंदर सिंह लवली ने हाल में ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. लवली कांग्रेस द्वारा आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने के खिलाफ थे। वह पहले भी बीजेपी में रह चुके हैं। इससे पहले 2017 में दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले लवली बीजेपी में शामिल हुए थे लेकिन कुछ महीने में ही कांग्रेस में वापसी कर ली थी।

गौरतलब है कि दिल्ली में लोकसभा का चुनाव कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के तहत लड़ रही है. कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि आम आदमी पार्टी चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है. ऐसे अरविंदर सिंह लवली समेत पूर्व विधायक राजकुमार चौहान, नसीब सिंह, नीरज बसोया और पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक के बीजेपी में चले जाने से कांग्रेस के लिए आगे की राह मुश्किलों भरी हो सकती है.

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