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सहापीडिया ने यूनेस्को की भागीदारी से फेलोशिप कार्यक्रम किया शुरू
नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)| भारतीय कला के ऑनलाइन संसाधन सहापीडिया ने युवाओं को प्रेरित करने और उन्हें एक अवसर प्रदान करने के लिए शुक्रवार को यूनेस्को के साथ भागीदारी में फेलोशिप कार्यक्रम शुरू किया। इसका मकसद युवाओं में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी बढ़ाना और इन्हें दस्तावेज के तौर पर सहेजने के लिए प्रोत्साहित करना है। पोस्ट-डॉक्टोरल स्कॉलर्स, डॉक्टोरल उम्मीदवार, पोस्ट-ग्रैजुएट और ग्रैजुएट (जिन छात्रों का ग्रैजुएशन 2017 के ग्रीष्मकाल में पूरा होना है, वे भी) के लिए उपलब्ध सहापीडिया-यूनेस्को फेलोशिप के माध्यम से अपेक्षा की जाती है कि सूक्ष्मता से शोध किए गए और मल्टीमीडिया फॉरमेट वाले कंटेंट सहापीडिया की वेबसाइट पर रखे जाएंगे।
वर्ष 2017 की फेलोशिप के लिए आवेदन दो तरीकों से उपलब्ध हैं, सहापीडिया प्रोजेक्ट फेलोशिप (एसपीएफ) और सहापीडिया रिसर्च फेलोशिप (एसआरएफ)। इससे आवेदकों को या तो प्राथमिक डॉक्यूमेंटेशन के स्तर पर या कंटेंट क्यूरेशन प्रक्रिया से भागीदारी करने का विकल्प मिल सकता है।
सहापीडिया प्रोजेक्ट फेलो के तौर पर चुने गए आवेदकों को 40,000 रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी और सहापीडिया रिसर्च फेलो को 15,000 रुपये की पेशकश की जाएगी। एसपीएफ प्रोजेक्ट 12 सप्ताह में जबकि एसआरएफ प्रोजेक्ट 8 सप्ताह में पूरा किए जाने की उम्मीद की जाती है।
आवेदन प्रक्रिया 16 जून से शुरू होकर 15 जुलाई को खत्म होगी और वर्ष 2017 के लिए कुल 100 फेलोशिप (80 एसआरएफ और 20 एसपीएफ) उपलब्ध हैं।
सहापीडिया की कार्यकारी निदेशक सुधा गोपालाकृष्णन ने कहा, मैं सहापीडिया वेबसाइट पर डाले जाने वाले संसाधनों की मात्रा और क्वालिटी दोनों के विस्तार के लिए इसमें महत्वपूर्ण शोध किए जाने की उम्मीद करती हूं।
उन्होंने कहा, अपने डॉक्यूमेंटेशन और संरक्षण प्रयासों के लिए यूनेस्को जैसे किसी संगठन का सहयोग पाना हमारे लिए गर्व की बात है। सहापीडिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हम डिजिटल स्वरूप में धरोहर के संरक्षण के लिए सक्षम हैं और भारत में विविधतापूर्ण एवं विशाल सांस्कृतिक ज्ञान को यथासंभव स्वतंत्र रूप से सबके लिए सुलभ कराया जाए, खासकर भारत में कम ज्ञात गतिविधियों और परंपराओं के बारे में। हम चाहते हैं कि प्रतिभाशाली और प्रतिबद्ध युवा इस फेलोशिप का लाभ उठा सकें और भारतीय संस्कृति पर शोध कार्य से जुड़े इस संगठन को योगदान कर सकें।
इस भागीदारी के बारे में यूनेस्को के संस्कृति विभाग के प्रमुख तथा प्रोग्राम विशेषज्ञ मो. छिबा ने कहा, धरोहर के कंटेंट का दस्तावेजीकरण और प्रसार व्यापक जन जागरूकता निर्मित करने तथा धरोहर से जुड़े मुद्दों के प्रति दिलचस्पी पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है। सहापीडिया एक संरक्षित ऑनलाइन एनसाइक्लोपीडिया है जिसका लक्ष्य धरोहर तथा अमूर्त संस्कृति निर्मित करने के लिए बड़े पैमाने पर कंटेंट प्रस्तुत करना और विविध प्रकार के टेक्स्ट, फोटो, वीडियो पेश करना है।
नेशनल
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी
कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।
पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।
उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।
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