Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

सर्वोच्च न्यायालय का न्यायमूर्ति कर्णन की सजा स्थगित करने से इनकार

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी.एस. कर्णन की छह महीने कैद की सजा स्थगित करने से इनकार कर दिया। उन्हें अदालत की अवमानना के लिए यह सजा दी गई है। अदालत ने साथ ही कर्णन को जमानत देने से भी इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति डी. वाय. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की सदस्यता वाली अवकाश पीठ ने कहा, हम सजा स्थगित नहीं कर सकते, क्योंकि यह सजा सात सदस्यों वाली पीठ ने दी है।

न्यायमूर्ति कर्णन के वकील मैथ्यू जे. नंदुम्पारा ने पूर्व न्यायाधीश को जमानत देने की अपील की थी, जिस पर पीठ का उक्त फैसला आया।

न्यायमूर्ति कर्णन को पश्चिम बंगाल पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, माफ कीजिए, यह नहीं हो सकता।

Continue Reading

नेशनल

सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

Published

on

Loading

उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

Continue Reading

Trending