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प्रादेशिक

सरकार दे रही है गलत आंकड़े -बसपा का वाक्आउट

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राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप के आकस्मिक निधन के चलते विधानसभा और विधान परिषद दोनों ही सदन को गुरुवार सुबह  तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले विधानसभा में बिजली कटौती और गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर चर्चा हुई। बसपा ने आरोप लगाया कि सरकार ने गन्ना किसानों और बिजली कटौती को लेकर गलत आंकड़े पेश किए।जिसे लेकर बसपा विधायकों ने वॉकआउट किया।वही सपा सरकार और भाजपा में भी गरमा गर्म बहस हुयी।
आपको बतादें कि विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन भी सदन नहीं चल सका। प्रश्नकाल के समय ही सदन को स्थगित करना पड़ा। राज्य मंत्री चितरंजन स्वरुप के आकस्मिक निधन की सूचना आते ही दोनों सदनों में शोक सभा आयोजित की गयी जिसके बाद सदन को स्थगित कर दिया गया। हलाकि आज सुबह से ही बगैर बाधा के सदन की शुरुवात हुयी प्रश्न काल के दौरान बिजली कटौती और गन्ना किसानो की समस्या को सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे जहा भाजपा ने कहा की केंद्र द्वारा दी गयी राशि का उपयोग सरकार नहीं कर रही है। तो वही बसपा ने भी सरकार पर गलत आंकड़े देने का आरोप लगाया जिसे लेकर बसपा के सदस्यों ने सदन से वाक आउट भी किया लिहाज़ा इस मामले में कांग्रेस भी अपने पैंतरे चलती रही जहा सूबे की सपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया वही केंद्र सरकार पर भी दोहरी नीति के तहत राज्यों से सौतेला व्यव्हार करने का आरोप लगाया। विपक्ष के प्रहार से आहत सपा सरकार की तरफ इस सीधे मुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री आज़म खान ने कमान संभाली हुयी थी। जहा भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा की केंद्र सरकार ने कोई मदद नहीं की है,भाजपा के सदस्य जिन आकड़ो का जिक्र कर रहे है वह बताये की कब पैसा दिया गया है। साथ ही अन्य दलों के आरोपों का जवाब देते हुए ससदीय कार्य मंत्री ने कहा की सिर्फ शोर मचा कर विपक्ष सदन चलने नहीं देना चाहता है जबकि किसी के पास कोई आकड़ा नहीं है
फिलहाल अब विधानसभा के मानसून सत्र को दो दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है

प्रादेशिक

बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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