Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

सन् 84 के दंगों में लोगों को बचा न पाई सरकार : संदीप दीक्षित

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा है कि सैकड़ों लोगों की जान लेने वाले 1984 के दंगों के दौरान तत्कालीन सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम साबित हुई थी। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और पूर्वी दिल्ली के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने बुधवार को पूर्व पत्रकार निलंजन मुखोपाध्याय की सिख विरोधी दंगों से संबंधित किताब ‘अनटोल्ड एगोनी आफ 1984’ के विमोचन के मौके पर यह बात कही।

संदीप ने कहा कि यह शायद आजाद भारत के इतिहास में पहला मौका था जब सरकार लोगों को बचाने के अपने कर्तव्य को निभाने में विफल साबित हुई थी। उन्होंने कहा, “यह शायद पहली बार हुआ था कि राज्य के गौरव, उसके अधिकार की बलि दे दी गई थी। सरकार को लोगों का रक्षक माना जाता है..शायद आजाद भारत में पहली बार सरकार अपनी यह भूमिका निभाने में नाकाम रही।”

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों में बड़ी संख्या में सिखों की हत्या की गई थी। विमोचन समारोह में मौजूद लेखिका उर्वशी रौतेला ने कहा, “यह लोगों की जिम्मेदारी है कि वे इंसाफ के लिए संघर्ष को जिंदा रखें। इंसाफ मांगने के मामले में कभी देर जैसी कोई बात नहीं होती। हमें अपनी लेखनी से इन यादों को जिंदा रखना होगा और इन्हें अगली पीढ़ी तक पहुंचाना होगा।”

वर्ष 1984 के दंगों के पीड़ित आज भी इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा नेता सुधांशु मित्तल ने इस मौके पर कहा, “सशस्त्र बलों और सरकार की नाकामी के साथ साथ हमें शहर के लोगों ने भी शर्मिदा किया था।” उन्होंने पूछा कि गुजरात दंगों की ही तरह कांग्रेस सरकार ने 84 के दंगों के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन क्यों नहीं किया था?

उत्तर प्रदेश

दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, परिवार संग किए रामलला के दर्शन

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को अपने परिवार के साथ रामलला के दर्शन किए। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति मंदिर परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक रहे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण सहित पूरे परिसर को देखा। इस दो दिवसीय यात्रा में करीब 80 लोगों को समूह उनके साथ है।

उनकी अगवानी के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय पहले से मंदिर परिसर में थे। पूर्व राष्ट्रपति रामलला के दर्शन-पूजन के बाद कुबेर टीला भी गये और पक्षिराज जटायु की विशाल प्रतिमा के समक्ष श्रद्धापूर्वक नतमस्तक हुए। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद शुक्रवार दोपहर बाद ही परिवारजनों के साथ रामनगरी पहुंच गए थे। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वह वंदे भारत ट्रेन से परिवार समेत अयोध्या पहुंचे। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन से सभी जैन मंदिर पहुंचे। इसके बाद पूरे परिवार के साथ पूर्व राष्ट्रपति मां सरयू के तट पर दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। उन्होंने सरयू की आरती उतारी। फिर हनुमान जी के दरबार पहुंचकर दर्शन किये।

पत्रकारों से बातचीत में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सरयू आरती में भाग लेना अपने आप में एक दिव्य अनुभूति है। ऐसा लगता है कि हम 500 वर्ष पूर्व के कालखंड में पहुंच गये हैं। सरयू की कृपा और बहुत सारे कारणों से राम मंदिर का निर्माण संभव हो सका है। जैन मंदिर के व्यवस्थापक विजय कुमार जैन ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति की यह पूर्ण रूप से धार्मिक यात्रा है।

Continue Reading

Trending