प्रादेशिक
श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग तीसरे दिन भी बंद
श्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर में घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग भूस्खलन की वजह से शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी बंद रहा, जिसके कारण 300 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर अब भी सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। यातायात विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “रामबन जिले के नगरकोट और बैट्री चश्मा इलाकों में रातभर हुई भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के चलते श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग आज (शुक्रवार) भी बंद रहेगा।”
अधिकारी ने कहा, “रास्ता साफ करने का काम जारी होने की वजह से आज किसी भी वाहन को राजमार्ग से निकलने की इजाजत नहीं होगी।”
बारिश के बाद हुए भूस्खलन की वजह से राजमार्ग पर ट्रक, सार्वजनिक एवं यात्रा वाहन और निजी वाहनों सहित 1,500 से ज्यादा वाहन फंसे हुए हैं।
रातभर हुई बारिश के चलते घाटी में नदियों, झीलों और पहाड़ी नदियों का जलस्तर फिर से बढ़ गया है। हालांकि, राज्य में झेलम नदी का जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है।
बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, “आज (शुक्रवार) संगम (अनंतनाग) में झेलम का जलस्तर 13.7 फुट, राम मुंशीबाग (श्रीनगर) में 15.6 फुट और अशम (बांदीपुरा) में 11.3 फुट है। झेलम खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही है।”
जम्मू एवं कश्मीर के कैबिनेट मंत्री नईम अख्तर ने श्रीनगर में आईएएनएस को बताया, “राज्य में कहीं भी बाढ़ का खतरा नहीं है।”
उन्होंने कहा, “सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं..मैं यहां आने वाले पर्यटकों और हमारे मेहमानों सहित सभी को यकीन दिलाना चाहता हूं। हम कल (शनिवार) श्रीनगर का मशहूर ट्यूलिप गार्डन खोल रहे हैं। इसलिए बाढ़ के किसी भी खतरे की चिंता किए बिना आएं और सर्द घाटी का लुत्फ उठाएं।”
स्थानीय मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोट्स ने कहा कि शनिवार से मौसम में सुधार होगा।
उन्होंने कहा, “जम्मू एवं कश्मीर में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पड़ गया है। हमें कल (शनिवार) से मौसम के सुधरने की उम्मीद है।”
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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट
लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।
यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।
आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।
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