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बिजनेस

शेषाशायी ने मूर्ति पर किया पलटवार

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बेंगलुरू, 1 सितम्बर (आईएएनएस)| इंफोसिस के संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए कंपनी के गैर-कार्यकारी संस्थापक आर. शेषाशायी ने शुक्रवार को कहा कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप स्पष्ट रूप से झूठे हैं और यह कहना अपमानजनक होगा कि उन्होंने शेयरधारकों से झूठ बोला है।

इंफोसिस के बोर्ड को पूर्व स्वतंत्र निदेशक जेफरी लेहमैन और जॉन एचमेंडी के साथ शेषाशायी ने एक संयुक्त बयान में कहा, निवेशकों के लिए मूर्ति का बयान मुझे मजबूर करता है कि मैं झूठे और निंदनीय आरोपों द्वारा किए गए निजी हमले का जवाब दूं।

शेषाशायी ने कहा, बोर्ड से मेरा इस्तीफा देने के बाद से मैं उकसावे के बावजूद किसी सार्वजनिक बयानबाजी से दूर रहा था। क्योंकि मैं चाहता था कि कंपनी आगे बढ़े और अतीत के मुद्दों पर चर्चा करने में न फंसे।

शेषाशायी (69) ने कार्यकारी उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का, लेहमैन और एचमेंडी के साथ बोर्ड से 24 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था और कंपनी के सहसंस्थापक नंदन नीलकेणी के लिए गैरकार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कंपनी में वापस आने के लिए रास्ता साफ कर दिया था।

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बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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