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मुख्य समाचार

शुभ्रा के अंतिम संस्कार में मोदी, हसीना शामिल

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नई दिल्ली| राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी का बुधवार को दिल्ली में लोधी रोड स्थित श्मशान गृह में अंतिम संस्कार कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना सहित कई दिग्गज हस्तियों ने अंतिम संस्कार में शामिल हुईं। शुभ्रा मुखर्जी (74) का मंगलवार को निधन हो गया था। वह कुछ समय से बीमार थीं।

श्मशान गृह में शोकसंतप्त पति प्रणब मुखर्जी, उनके बच्चे -शर्मिष्ठा, अभिजीत एवं इंद्रजीत- उपस्थित थे। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी इस मौके पर उपस्थित थे।

प्रणब पारिवारिक मित्र और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बगल में बैठे हुए थे। हसीना बुधवार सुबह अपनी बेटी सैमा हुसैन और अपनी बहन शेख रिहाना के साथ दिल्ली पहुंची। इस दौरान बांग्लादेश के विदेश मंत्री महमूद अली भी उपस्थित रहे।

प्रणब की करीबी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी श्मशान गृह पहुंचीं।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

शुभ्रा के पार्थिव शरीर के पास दो बंगाली पुरोहितों ने मंत्रोच्चारण के साथ पारंपरिक अनुष्ठान किया। बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस दौरान सारे इंतजाम का दारोमदार अपने कंधों पर ले रखा था। उनकी आंखों में आंसू थे।

अनुष्ठान के बाद पार्थिव शरीर को बिजली चालित शवदाह गृह ले जाया गया। अंतिम संस्कार के 10 मिनट बाद राष्ट्रपति और बाकी अतिथि भी वहां से रवाना हो गए।

देश की प्रथम महिला शुभ्रा की घरेलू सहायिका अनुराधा, शोमा और अष्टमी नम आंखों के साथ श्मशान गृह से निकलीं। अनुराधा ने कहा कि वह पिछले 20 सालों से राष्ट्रपति की पत्नी के साथ थीं।

अन्य सहायिका राखी ने कहा, “वह मेरे लिए परिवार की तरह थीं। उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया।”

राखी ने कहा कि पिछले माह उसकी बेटी की शादी थी, जिसमें शुभ्रा मुखर्जी ने तोहफे के रूप में उसकी बेटी को सोने के बहुत से जेवर दिए थे।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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