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वैज्ञानिक शिक्षा, संचार में पड़ोसी देशों की सहायता कर रहा भारत

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सहाना घोष

कोलकाता। भारतीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) के आगामी महीनों के एजेंडे में पड़ोसी देशों की मदद के लिए मॉरीशस में एक तारामंडल (प्लेनेटोरियम) की स्थापना, नेपाल में मौलिक विज्ञान शिक्षा को सदृढ़ करना और बांग्लादेश के विज्ञान संग्रहालय में सुधार करना जैसे कई काम शामिल हैं।

इतना ही नहीं केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत काम करने वाला एनसीएसएम ऑनलाइन विज्ञान संचार और देश के विज्ञान शिक्षकों को संवारने के लिए एक बड़ा प्रोजेक्ट लॉन्च कर रहा है।

एनसीएसएम के महानिदेशक जी एस रॉतेला ने आईएएनएस को यहां एक साक्षात्कार में बताया, “हमें भारत भर में विज्ञान केंद्र डिजाइन करने और चलाने में विशेषज्ञता हासिल है, इसलिए हम अपने सांस्कृतिक संबंधों के आदान-प्रदान के तहत अपने पड़ोसियों के वैज्ञानिक संचार को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी, वैज्ञानिक निवेश, उपकरण और प्रदर्शनियां मुहैया कराएंगे।”

मॉरीशस में 2004 में संप्रग सरकार द्वारा राजीव गांधी विज्ञान केंद्र (आरजीएससी) स्थापित किया गया था। इसके दूसरे चरण में विस्तार के काम और प्लेनेटोरियम के लिए भारत 10 करोड़ रुपये प्रदान करेगा।

रॉतेला ने कहा, “हम मॉरीशस में प्लेनेटोरियम और नए प्रदर्शनी हॉल बनाएंगे। समुद्र के बेहद करीब स्थित मॉरीशस में हम समुद्र विज्ञान पर एक प्रदर्शनी आयोजित करेंगे। वे अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान में भी एक प्रदर्शनी चाहते हैं।”

नेपाल में विज्ञान की शिक्षा को सुधारने पर जोर है।

रॉतेला के मुताबिक, “हमारी योजना नेपाल में भी विज्ञान केंद्र स्थापित करने की है। विज्ञान की शिक्षा में सुधार उनकी मौलिक जरूरत है। हम उन्हें मौलिक विज्ञान की जानकारी देना चाहते हैं जो वहां के बच्चों को इसके मूल तत्वों को सीखने में मदद करेगा।”

भारत इस योजना के लिए पांच करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

रॉतेला बांग्लादेश की जरूरतों को समझने के लिए अगले महीने की शुरुआत में वहां का दौरा करेंगे।

रॉतेला ने कहा, “हम देखेंगे कि उनकी क्या जरूरतें हैं, उसके लिए योजना बनाएंगे और फिर उस पर अमल करेंगे। हम उनके विज्ञान संग्रहालय में सुधार करेंगे।”

भारत में एनसीएसएम अपने भौतिक विज्ञान केंद्रों से आगे बढ़कर वर्चुअल केंद्र स्थापित करेगा।

रॉतेला ने कहा, “फिलहाल 48 केंद्र हैं और हम 21 और बनाएंगे। लेकिन हम वर्चुअल केंद्र भी बनाएंगे, क्योंकि बहुत से लोग विज्ञान केंद्रो में नहीं आ पाते इसलिए हम एक विशिष्ट पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन अनुभव प्रदान करेंगे, जिसमें वर्चुअल प्रदर्शनियां भी शामिल होंगी। कुछ महीनों में यह लॉन्च किया जाएगा।”

इसके अतिरिक्त एनसीएसएम देशभर में फैले विज्ञान केंद्रों में कार्यशालाओं और पाठ्यक्रमों के माध्यम से विज्ञान के शिक्षकों को भी बेहतर बनाएगा।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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