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मुख्य समाचार

विधायिकाओं में आरक्षण पर केंद्र को नोटिस

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नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका के संबंध में केंद्र व राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया। इस जनहित याचिका में देश में अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी/एसटी ) से संबंध रखने वालों की संख्या में वृद्धि के अनुपात में संसद एवं राज्य विधानसभाओं में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग की गई है।

वरिष्ठ वकील किरण सूरी ने न्यायालय को बताया कि 2002-2011 के बीच एससी/एसटी में 529 नई जातियां जुड़ गई हैं, जिससे एससी/एसटी जनसंख्या में पांच करोड़ की वृद्धि हुई है।

इसके बाद प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने केंद्र व राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया।

याचिकाकर्ता व भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी पूरन सिंह ने दलील दी कि अतिरिक्त जातियों के जोड़े जाने के बाद एससी/एसटी की जनसंख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन बावजूद इसके संसद व राज्य विधानसभाओं में उनके प्रतिनिधित्व में वृद्धि नहीं हुई है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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