Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

वाराणसी : जयगुरुदेव के समागम में भगदड़ से 24 की मौत, जांच के आदेश

Published

on

Loading

varanasi stempedeवाराणसी। उत्तर प्रदेश में वाराणसी के राजघाट पुल पर जयगुरुदेव के अनुयायियों की भीड़ में शनिवार को भगदड़ मच गई। जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं, और मृतकों के लिए पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। वाराणसी से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस हादसे पर शोक जाहिर किया है। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजे की घोषणा की है।

रामनगर पुलिस थाने के प्रभारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में भर्ती पांच घायलों की मौत हो गई, और इसके साथ ही हादसे में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस के अनुसार, मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि घायलों में कई की हालत नाजुक है। फिलहाल मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने कहा, गर्मी के कारण लोग परेशान थे, जो भगदड़ का एक अहम कारण है। घटना चंदौली और वाराणसी की सीमा के पास की है। घायलों को वाराणसी के रामनगर अस्पताल भेजा गया है। दोनों जिलों की पुलिस मौके पर पहुंच कर राहत व बचाव कार्य में लगी हुई है।

चंदौली के जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने कहा, चंदौली जिले में गंगा के किनारे डोमरी गांव में बाबा जयगुरुदेव की स्मृति में आयोजित दो दिवसीय जागरूकता शिविर में आए बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी स्थित पीली कोठी से होते हुए डोमरी गांव जा रहे थे। रास्ते में अपराह्न् लगभग 1.30 बजे राजघाट पुल पर अचानक भगदड़ मच गई। पुलिस के अनुसार, कार्यक्रम में तीन हजार लोगों के शामिल होने की मंजूरी ली गई थी, लेकिन वहां 80 हजार लोग पहुंच गए थे।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में मृतकों के लिए मुआवजे की राशि दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है, और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने वाराणसी मंडायुक्त को घटना की मजिस्ट्रेट जांच कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने राज्यमंत्री सुरेंद्र पटेल को राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी करने के लिए कहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक जाहिर किया है। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, वाराणसी में भगदड़ में लोगों की मौत पर गहरा दुख हुआ है। शोकसंतृप्त परिवारों के प्रति मेरी शोक संवेदना। जो घायल हैं, उनके लिए प्रार्थना।

मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, मैंने अधिकारियों से बात की है और उन्हें इस भगदड़ से प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता मुहैया कराने को कहा है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि उन्होंने वाराणसी के आयुक्त से बात की है और उन्हें हर संभव मदद देने को कहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए उम्मीद जताई है कि प्रशासन पीडि़तों को समुचित चिकित्सा सेवा और मुआवजा प्रदान करेगा।

पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, सोनिया ने उत्तर प्रदेश और वाराणासी में पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे पीडि़तों को हर संभव सहायता मुहैया कराएं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बयान में कहा कि उन्हें वाराणासी में भगदड़ की घटना के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ है। उन्होंने कहा, इस त्रासदीपूर्ण हादसे के पीड़ितों के परिजनों के साथ तह-ए-दिल से मेरी संवेदनाएं हैं।

घटनास्थल पर भगदड़ के बाद की तस्वीरें दिल दहला देने वाली थी। भारी भीड़ की वजह से एंबुलेंस और राहत दल को घटनास्थल तक पहुंचने में भारी मशक्कत करनी पड़ी। सूत्रों ने कहा कि वाराणसी शहर में हजारों लोग जत्थों में घूम रहे थे। सत्संग के लिए उन्हें गंगा पार जाना था। इसी वजह से राजघाट पुल पर भीड़ का दवाब बढ़ता गया। राजघाट पुल अंग्रेजों के जमाने का है। पहले इसे डफरिन ब्रिज के नाम से जाना जाता था।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

Published

on

Loading

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

Continue Reading

Trending