मुख्य समाचार
लोजपा सांसद रामा सिंह का पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा
पटना| लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद रामा सिंह ने मंगलवार देर रात विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के मुद्दे पर दरकिनार किए जाने को लेकर नाराजगी जताते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। वैशाली से सांसद रामा सिंह ने बताया कि उन्होंने लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव, राजस्थान राज्य के प्रभारी तथा लोकसभा में लोजपा संसदीय दल के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा है कि सिंह जल्द ही लोजपा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे देंगे।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर पार्टी में राय-मशविरा न किए जाने को लेकर नाराजगी जताते हुए सिंह ने कहा था कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। इतने अहम मुद्दे पर उनसे राय नहीं ली गई। इधर, लोजपा के एक नेता का कहना है कि सांसद सिंह अपनी पत्नी को विधानसभ चुनाव लड़ाना चाहते हैं और इसलिए पार्टी पर दबाव बनाने के लिए यह रणनीति अपना रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राजग में लोजपा एक घटक दल है। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजग में सीट बंटवारे की घोषणा शनिवार को की गई, जिसके अनुसार राज्य विधानसभा की 243 सीटों में से 160 पर भाजपा, 40 पर लोजपा, 23 पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और 20 पर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा चुनाव लड़ेगा।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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