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मुख्य समाचार

लखनऊ : सपा पार्षद को दिनदहाड़े गोली मारी, हालत गंभीर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नरही इलाके में रविवार दोपहर 12 बजे मोटरसाइकिल सवार अज्ञात हमलावरों ने पार्षद अतुल यादव उर्फ बंटू यादव को गोली मार दी। पुलिस के अनुसार, यादव को सिर में गोली लगी है। उन्हें तुरंत मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) से संबद्ध यादव पर गोलीबारी की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में समर्थक अस्पताल पहुंच गए। पुलिस के अनुसार, भारी भीड़ को देखते हुए ट्रॉमा सेंटर में कई थानों की पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को भी तैनात कर दिया गया है।

पुलिस के अनुसार, दोपहर में बंटू यादव नरही स्थित श्यामा चौराहे पर खड़े थे। तभी वहां बाइक से दो युवक पहुंचे। उनकी बंटू से बात होने लगी। इसी बीच अचानक मोटरसाइकिल पर पीछे बैठे युवक ने बंटू के माथे में गोली मार दी। इसके बाद दोनों युवक वहां से भाग गए। गोली की आवाज सुनते ही आसपास के लोग दौड़े। तब तक युवक भाग चुके थे।

पुलिस के अनुसार, बंटू को पहले सिविल अस्पताल ले जाया गया। बाद में उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। पुलिस के अनुसार, मामले की सभी संभावित पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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