अन्तर्राष्ट्रीय
लंदन : महारानी ने अग्निकांड पीड़ितों के लिए मौन रखा
लंदन, 17 जून (आईएएनएस)| महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने पश्चिमी लंदन के एक रिहाइशी टॉवर में आग लगने के कारण मारे गए लोगों की याद में मौन रखे जाने का नेतृत्व किया। इस घटना में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, महारानी बुधवार को उत्तरी केनसिंगटन के ग्रेनफेल टॉवर में लगी आग में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने बकिंघम पैलेस के बाहर एकत्रित हुए लोगों के साथ शामिल हुईं।
महारानी के साथ राजकुमार फिलिप (ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग) भी थे।
इससे पहले महारानी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि लंदन और मैनचेस्टर में हुए हालिया आतंकवादी हमलों के मद्देनजर प्रतकिूल परिस्थितियों में भी ब्रिटेन मजबूत बना हुआ है।
महारानी के अनुसार, हालिया महीनों में देश ने कई आतंकवादी हमले देखे हैं। एक राष्ट्र के रूप में हम इन घटनाओं से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होने वालों के लिए प्रार्थना करना जारी रखेंगे।
महारानी ने शुक्रवार को ग्रेनफेल टॉवर हादसे में बचे कुछ निवासियों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वह पूरे देश के लोगों द्वारा पीड़ितों की सहायता के लिए आगे आने की भावना से काफी प्रभावित हुईं।
बीबीसी के मुताबिक, ग्रेनफेल टॉवर में रहने वाले 70 लोग अभी भी लापता हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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