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रेल बजट से बिहार को बड़ी उम्मीदें

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पटना | बिहार के लोगों को केंद्र सरकार के रेल बजट से बहुत उम्मीदें हैं। उन्हें नई रेलगाड़ियों की, स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं की और अटकी पड़ी रेल परियोजनाओं के जल्द पूरा होने की आस है।

पूर्व रेल मंत्री रामविलास पासवान, लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के कार्यकाल में शुरू हुई बिहार की कई रेल परियोजनाएं अभी भी अटकी पड़ी हैं। बिहार के लोगों का आरोप है कि पिछले दो-तीन वर्षो से रेल बजट में लगातार बिहार की उपेक्षा हो रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान जब रेल मंत्री थे, तब बिहार के लिए कई रेल परियोजनाओं की घोषणा की गई थी और कई महत्वपूर्ण रेलगाड़ियां भी मिलीं, लेकिन उसके बाद बिहार को रेल मंत्रालय से कोई बड़ी सौगात नहीं मिली है। बिहार में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद का ड्रीम प्रोजेक्ट मधेपुरा विद्युत इंजन कारखाना अब तक शुरू नहीं हो पाया है। इस परियोजना को 2010 में ही पूरा हो जाना था। परियोजना के लिए 1,116 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है, लेकिन अब तक एक-चौथाई भूमि का अधिग्रहण भी नहीं हो पाया है।

वर्ष 2006 में छपरा के रेल पहिया संयंत्र को मंजूरी मिली थी, लेकिन अब तक इसका अता-पता नहीं है। 31 जुलाई, 2010 तक बनकर तैयार हो जाने वाले इस कारखाने में प्रतिवर्ष एक लाख पहिया बनाने का लक्ष्य रखा गया था। इसी तरह हरनौत रेल कारखाना आज तक धरातल पर नहीं उतर सका है। मुंगेर में गंगा नदी पर निर्माणाधीन रेल सह सड़क पुल का निर्माण कार्य भी 70 फीसदी से ज्यादा हो चुका है, लेकिन यह बीच में ही रुका पड़ा है। इसके अलावा बिहटा-औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, सीतामढ़ी-जयनगर, सीतामाढ़ी-जयनगर-निर्मली, हाजीपुर-मोतीपुर, मधेपुरा-प्रतापगंज जैसी नई रेल लाइनों से संबंधित कई परियोजनाएं भी अटकी हुई हैं।

रेल आंदोलन सर्वदलीय संघर्ष समिति के संयोजक प्रताप कुमार सिन्हा ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा गया है, जिसमें बिहार की तमाम परियोजनाओं को समय पर पूरा कराने और इसके लिए धनराशि मुहैया कराने का अनुरोध किया गया है।” पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एन.के.क़े चौधरी का कहना है कि बिहार रेल क्षेत्र में अभी काफी पिछड़ा हुआ है। बिहार का एक बड़ा क्षेत्र नेपाल से जुड़ा हुआ है, जिसके लिए इन क्षेत्रों में रेलगाड़ियों की संख्या बढ़ाना काफी जरूरी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार को भागलपुर में यह कहकर बिहार की जनता की उम्मीदें बढ़ा दी है कि केंद्र सरकार के रेल बजट में बिहार को कई तोहफे मिलने वाले हैं।

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बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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