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अन्तर्राष्ट्रीय

रिहा हुआ कांगों में बंधक बनाया गया फ्रांसीसी नागरिक

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पेरिस, 28 मई (आईएएनएस)| अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में बंधक बनाए गए फ्रांसीसी नागरिक को रिहा कर दिया गया है।

फ्रांस के राष्ट्रपति ने रविवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने नागरिक को रिहा किए जाने की सराहना की है और नागरिक की रिहाई में लगे सभी पक्षों को, खासकर कांगों के अधिकारियों को बधाई दी।

मैक्रों ने फ्रांसीसी नागरिक को रिहा कराने के लिए कांगों के अधिकारियों द्वारा दिखाई गई तत्परता और उनकी कार्यवाहियों की प्रभावोत्पादकता के लिए उन्हें खासतौर पर सराहा।

कनाडा की खनन कंपनी ‘बानरो’ में नौकरी करने वाले फ्रांसीसी नागरिक को एक स्थानीय हथियारबंद समूह ने एक मार्च को बंधक बना लिया था।

फ्रांसीसी नागरिक के अलावा चार अन्य व्यक्तियों को भी बंधक बनाया गया था, जिसमें तंजानिया का एक नागरिक और कांगो के तीन नागरिक शामिल थे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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