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रियो ओलम्पिक : भारत को अब भी पदक का इंतजार

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रियो ओलम्पिक

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रियो ओलम्पिकरियो डी जेनेरियो| रियो ओलम्पिक में भारत को अब भी पदक जीतने का इंतजार है। जहां एक ओर अमेरिका और चीन जैसे देश पदक दौड़ में आगे चल रहे हैं। वहीं, भारत की शुरुआत अभी बाकी है।

इस ओर भारत के लिए जिमनास्ट दीपा करमाकर रोशनी की किरण के रूप में नजर आ रही हैं।

ओलम्पिक खेलों में 52 वर्षो के बाद जिम्नास्टिक स्पर्धा में पहली भारतीय महिला एथलीट के तौर पर प्रवेश कर पहले ही इतिहास बना चुकीं दीपा कर्माकर ने रविवार को रियो ओलम्पिक के वॉल्ट के फाइनल में प्रवेश कर एक और इतिहास रच दिया।

दीपा जिम्नास्टिक की सभी पांच क्वालिफिकेशन सबडिवीजन स्पर्धा के समापन के बाद वॉल्ट में आठवें स्थान पर रहीं, जो फाइनल में क्वालिफाई करने के लिए आखिरी स्थान था।

दीपा ने रविवार को हुए तीसरी सबडिवीजन क्वालिफाइंग स्पर्धा के वॉल्ट में 14.850 अंक हासिल किया। तीसरे सबडिवीजन की समाप्ति पर दीपा छठे स्थान पर थीं, लेकिन अमेरिका की सिमोन बाइल्स और कनाडा की शैलन ओल्सेन आखिरी के दो सबडिवीजन से फाइनल में प्रवेश करने में सफल रहीं।

दीपा का ऑल अराउंड प्रदर्शन औसत रहा और उन्होंने 51.665 का स्कोर करते हुए 61 प्रतिभागियों में 51वां स्थान हासिल किया, जबकि ऑल अराउंड के फाइनल में 29वें स्थान तक की कुल 24 खिलाड़ियों ने फाइनल में प्रवेश किया है।

दीपा अब 14 फरवरी को वॉल्ट स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में पदक की दावेदारी पेश करेंगी।

इसके अलावा महिलाओं की 10 मीटर एअर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल की दौड़ से भारतीय निशानेबाज हिना सिधू बाहर हो गईं। वहीं, भारतीय निशानेबाज मानवजीत सिंह संधु और कीनान चेनाई ने रविवार को ब्राजील की मेजबानी में चल रहे ओलम्पिक खेलों की ट्रैप स्पर्धा के क्वालिफिकेशन राउंड के पहले दिन क्रमश: 17वां और 19वां स्थान हासिल किया।

इस बीच, भारतीय महिला और पुरुष हॉकी टीम का प्रदर्शन देखने लायक रहा है।

रियो ओलम्पिक में रविवार को हुए मुकाबले में भारतीय महिला हॉकी टीम ने जापान को कड़ी टक्कर देते हुए 2-2 से बराबरी पर रोका। इससे पहले शनिवार को हुए मुकाबले में पुरुष टीम ने आयरलैंड को मात दी थी।

भारतीय महिला तीरंदाजी टीम को भी निराशा हाथ लगी। रविवार को ब्राजील की मेजबानी में चल रहे ओलम्पिक खेलों में टीम स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में हमेशा की तरह अहम क्षणों में धैर्य खो बैठी और रूस के आगे घुटने टेक दिए। रूस ने भारतीय टीम को शूटआउट में हराया और भारत की पदक की उम्मीदों को धो दिया।

तीरंदाजी स्पर्धा में भारतीय टीम के लिए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में लैशराम बोम्बेला देवी ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और लगातार तीन निशाने पर मारे।

बोम्बेला ने कहा, “आपको यहां आना और देखना चाहिए था। हम हमेशा 10 पर ही लक्ष्य रख कर तीर मारना चाहते थे।”

भारत के मुख्य कोच धमेंद्र तिवारी ने मुकाबले के बाद आईएएनएस को बताया, “लड़कियों ने तेज हवाओं के साथ तीरंदाजी का अधिक प्रशिक्षण नहीं लिया था और इसका इस खेल में मुख्य किरदार होता है।”

भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि कुल मिलाकर अब तक भारतीय एथलीटों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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