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राहुल ने केंद्र की नीतियों को बताया किसान विरोधी, पूछा, ‘अच्छे दिन’ कहां हैं?

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भुवनेश्वर। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को केंद्र सरकार की नीतियों को ‘किसान विरोधी’ करार देते हुए कहा कि उनके अच्छे दिन कहां हैं? राहुल ने गुरुवार को ओडिशा के बारगढ़ जिले में किसान रैली को संबोधित करते हुए कहा, “किसानों और मजदूरों ने मोदी जी पर भरोसा जताया, क्योंकि उन्होंने उनके लिए अच्छे दिनों का वादा किया। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद वे दो दिनों में ही उन्हें भूल गए। किसानों के अच्छे दिन कहां हैं?”

किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “यह देश मुट्ठी भर लोगों और उद्योगपतियों का नहीं है। यह देश आपका है। मैं वादा करता हूं कि मेरी पार्टी और मैं किसानों व पीड़ितों के लिए लड़ेंगे।” कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने गरीब किसानों की जमीन छीनने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “किसानों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी जमीन है। इसलिए हम भूमि अधिग्रहण विधेयक लेकर आए, जिसके तहत किसानों की पूर्ण सहमति के बाद ही जमीन ली जाएगी। लेकिन मोदी सरकार किसानों की जानकारी और सहमति के बिना उनकी जमीन छीननकर उद्योगपतियों को देने की कोशिश में जुटी है।”

राहुल ने कहा कि जनता ने भले ही 2014 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के 44 सांसदों को चुना, लेकिन पार्टी को किसानों के साथ सहानुभूति है और उनके हितों की रक्षा के लिए सभी लड़ेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार पर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 में घालमेल करने के लिए निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए लगाता कानूनों में बदलाव के प्रयास कर रही है, लेकिन जनता के दबाव के कारण नाकाम रही है।

राहुल ने जनसभा से पूछा कि चुनाव प्रचार के दौरान विदेशों से काला धन वापस लाकर हर किसी के बैंक खाते में 15-15 लाख रुपये जमा कराने का जो वादा किया गया था, क्या वे रुपये उन्हें मिले? लोगों ने इस सवाल का जवाब नहीं में दिया। राहुल ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ कई मुद्दों पर समझौता कर लेने के लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “मोदी जी और नवीन जी दोस्त बन गए और आपस में समझौते कर लिए। यहां चिट-फंड, सिंचाई, बोनस, धान की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसे कई मुद्दे हैं, लेकिन न मुख्यमंत्री न प्रधानमंत्री इनमें से किसी भी मुद्दे पर बोलने के लिए तैयार है। उन्होंने चुप्पी साधी हुई है।”

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जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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