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मुख्य समाचार

राहुल गांधी ने पूछा, सहारा को राहत मिली या पीएम मोदी को?

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Rahul Attack modiनई दिल्ली। इनकम टैक्स सेटेलमेंट अथारिटी (आईटीएससी) द्वारा सहारा समूह पर कार्रवाई न करने को लेकर दी गई राहत के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर उंगली उठाते हुए कहा है कि वह जांच से क्यों डर रहे हैं।

विदेश में छुट्टी मना रहे राहुल गांधी ने मीडिया की एक रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए कहा, “सहारा को राहत या मोदी जी को राहत? अगर आपकी अंतरात्मा साफ है मोदीजी, तो जांच से डर क्यों?”

एक अंग्रेजी समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक, आईटीएससी ने नवंबर 2014 में मारी गई छापेमारी के सिलसिले में सहारा इंडिया को अभियोजन व जुर्माने से छूट दे दी। इसी छापेमारी के दौरान वह डायरी पाई गई थी, जिसमें राजनीतिज्ञों को कथित तौर पर भुगतान का जिक्र है।

इसी डायरी का संदर्भ देते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान मोदी ने सहारा कंपनी से रिश्वत ली थी।

मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि आईटीएससी ने इससे पहले कंपनी के आवेदन को खारिज कर दिया था। लेकिन, पांच सितंबर 2016 को इसे फिर से स्वीकार कर लिया। 10 नवंबर, 2016 को कंपनी को राहत प्रदान करने से संबंधित अंतिम आदेश आया।

भारतीय जनता पार्टी ने मोदी के खिलाफ आरोपों को खारिज किया है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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