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राहुल गांधी की “छुट्टी”, करेंगे आराम

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राहुल संसद के बजट सत्र से दूर रहेंगे

नई दिल्ली। चुनावों में कांग्रेस के लगातार खराब प्रदर्शन के कारण विरोधियों के निशाने पर चल रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के कामकाज से कुछ दिन की छुट्टी पर चले गए है। बताया जा रहा है कि राहुल इस छुट्टी के दौरान आत्ममंथन और आराम करना चाहते हैं ताकि वापस लौटकर वह पार्टी के कामकाज में सक्रियता से भाग ले सकें। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राहुल के छुट्टी के इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। ये भी साफ हो गया है कि राहुल बजट सत्र में भी शामिल नहीं होंगे। राहुल की छुट्टी की पुष्टि करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि राहुल को कुछ वक्त दीजिए। सोनिया ने कहा कि राहुल पार्टी को फिर से खड़ा करना चाहते हैं। इसी मकसद से वे आत्ममंथन करने के लिए छुट्टी पर गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, वह हाल के चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार की वजहों पर आत्मचिंतन और पार्टी की भविष्य की योजनाओं पर मंथन कर रहे हैं। पार्टी के एक नेता ने बताया कि राहुल गांधी को आत्मचिंतन, आत्ममंथन के लिए छुट्टी दी गई है। उन्होंने कहा कि वह सप्ताह के अंत तक दिल्ली से बाहर रहेंगे और बजट सत्र के दौरान सदन में उपस्थित नहीं हो पाएंगे। सूत्रों ने बताया कि वह पूरे सत्र के दौरान अनुपस्थित रहेंगे या नहीं इसकी जानकारी नहीं है।

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के पुत्र राहुल की बजट सत्र के दौरान सदन से अनुपस्थिति का विशेष अर्थ निकाला जा रहा है, जब संसद में विवादित भूमि अधिग्रहण अध्यादेश सहित छह अध्यादेशों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। 2014 के आम चुनाव के बाद से लगातार पांचवीं यानी हाल में संपन्न दिल्ली चुनाव में हुई हार ने साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की किस्मत को सुधारने की चुनौती पेश कर दी है।

पार्टी का वोट-प्रतिशत 2013 के बाद से गिर रहा है, जिसमें 24 फीसदी की गिरावट आई है। 2014 के आम चुनाव में यह 15 फीसदी और गिरा तथा दिल्ली चुनाव में इसे 9.7 फीसदी मत मिला। कांग्रेस के हजारों पारंपरिक समर्थक राष्ट्रीय राजधानी में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ चले गए। आप ने हाल में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में 67 सीटें जीत ली, जबकि तीन सीटें भाजपा के खाते में गईं, वहीं कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई। कभी देश के सभी राज्यों में शासन कर चुकी कांग्रेस मौजूदा समय में सिर्फ असम, केरल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, कर्नाटक और अरुणाचल प्रदेश में सत्ता में है।

दरअसल राहुल गांधी चुनावों में कांग्रेस के लगातार खराब प्रदर्शन के कारण निशाने पर रहे हैं। उनका इस तरह छुट्टी पर जाना एक बार फिर विरोधियों को अखर सकता है। बजट सत्र में उनकी गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बन गई है। राहुल को कांग्रेस पार्टी का भविष्य का चेहरा माना जाता है। उनके द्वारा इस तरह बजट सत्र से दूरी बनाने से भी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।

नेशनल

सिद्दारमैया के करीबी मंत्री का बयान, पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वाले लोगों को गोली मार देनी चाहिए

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बेंगलुरु। कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया के करीबी मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। कर्नाटक के मंत्री जमीर अहमद ने पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वाले लोगों को देखते ही गोली मारने का कानून तत्काल लागू करने की मांग की है। उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि कर्नाटक में उनकी कांग्रेस की सरकार है और उन्हें तत्काल ऐसे लोगों को गोली मारने का कानून बना देना चाहिए।

कर्नाटक में इस वक्त कांग्रेस की सरकार है और सिद्दारमैया मुख्यमंत्री हैं। जमीर अहमद ऐसे पहले मंत्री नहीं हैं, जिन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वालों को गोली मारने का कानून बनाने की मांग है, बल्कि इससे पहले कर्नाटक के कृषि मंत्री ने भी इसी तरह की बात की थी।

पिछले दिनों कर्नाटक के कृषि मंत्री बीसी पाटिल ने देश में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले लोगों से निपटने के लिए कानून की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मेरी राय में भारत विरोधी नारे लगाने और गलत बोलने या फिर पाकिस्तान के समर्थन में वाले लोगों के खिलाफ शूट एट साइट कानून लागू होना चाहिए।

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