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अन्तर्राष्ट्रीय

‘राष्ट्रपति चुनाव में रूसी दखलंदाजी के सबूत नहीं’

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'राष्ट्रपति चुनाव में रूसी दखलंदाजी के सबूत नहीं'

वाशिंगटन | अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम ने कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि 2016 में हुए अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव को रूस ने हैकिंग के जरिए प्रभावित किया था। ट्रंप के प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने कहा, “मुख्यधारा की मीडिया इस मुद्दे को उछाल रही है कि उन्होंने (रूस) अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव को प्रभावित किया। लेकिन, इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि उन्होंने वास्तव में चुनाव को प्रभावित किया।”

स्पाइसर ने ओबामा प्रशासन पर ‘बिना अंतिम रिपोर्ट के निष्कर्ष पर पहुंचने’ का आरोप लगाते हुए इसे ‘गैर जिम्मेदाराना’ हरकत करार दिया।

ओबामा प्रशासन ने बीते साल अक्टूबर में रूस पर आधिकारिक तौर पर आरोप लगाया था कि उसने आठ नवंबर को होने वाली चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए अमेरिका के राजनीतिक संस्थानों तथा लोगों के ई-मेल की हैकिंग की। रूस ने इस आरोप को तत्काल खारिज करते हुए इसे ‘बकवास’ करार दिया था।

इस पूरे मामले ने बीते साल दिसम्बर में तब सनसनीखेज मोड़ ले लिया, जब अमेरिकी समाचार पत्र ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) की एक खुफिया रिपोर्ट को प्रकाशित किया, जिसमें दावा किया गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में रूस की दखलंदाजी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को फायदा पहुंचाने के लिए थी।

सीआईए के मुताबिक, माना गया कि रूस ने रिपब्लिकन तथा डेमोक्रेटिक दोनों ही संगठनों की वेबसाइटों को हैक किया, लेकिन केवल डेमोक्रेटिक पार्टी के दस्तावेजों को ही सार्वजनिक किया गया।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को रूस के 35 सरकारी अधिकारियों तथा राजनयिकों को यह कह कर देश से निर्वासित करने की घोषणा की कि उनका आचरण उनके राजनयिक के स्तर के अनुरूप नहीं है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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