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राष्ट्रपति चुनाव में जरूर वोट डालूंगा : नरोत्तम मिश्रा

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भोपाल, 8 जुलाई (आईएएनएस)| भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पेड न्यूज के मामले में तीन साल के लिए चुनाव लड़ने में अयोग्य ठहराए गए मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को भरोसा है कि वह राष्ट्रपति चुनाव में निश्चित तौर पर वोट डालेंगे। मिश्रा ने आयोग के फैसले को चुनौती दी है, मामला अब जबलपुर उच्च न्यायालय में लंबित है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के स्वागत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश दफ्तर में शनिवार को आयोजित स्वागत समारोह में हिस्सा लेने के बाद डॉ. मिश्रा से जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या आप राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करेंगे, उन्होंने कहा, निश्चित रूप से वोट डालूंगा।

आयोग का फैसला 23 जून को आया था, लेकिन उन्होंने न तो अपना मंत्री पद छोड़ा है और न ही उनकी विधानसभा सीट को रिक्त घोषित किया गया है। सीट रिक्त घोषित न किए जाने की शिकायत वाली याचिका पर उच्च न्यायालय ने गुरुवार को मिश्रा को नोटिस दिया था।

भारत निर्वाचन आयोग ने 23 जून को एक आदेश जारी कर नरोत्तम मिश्रा को वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल के लिए अयोग्य ठहराया था। मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव में 13 लाख 50 हजार 780 रुपये खर्च किए, जबकि खर्च की सीमा मात्र 10 लाख रुपये निर्धारित थी। उन्होंने आयोग को चुनाव खर्च का ब्यौरा भी गलत दिया था।

आयोग के फैसले के खिलाफ मिश्रा ने ग्वालियर खंडपीठ में एक याचिका दायर की थी। ग्वालियर में अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते पांच जुलाई को मिश्रा और उनके प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र भारती ने स्वयं अपनी पैरवी की थी। सुनवाई की अगली तारीख 10 जुलाई तय की गई थी।

दूसरी ओर, जबलपुर निवासी सुरेंद्र दुबे की तरफ से एक जनहित याचिका जबलपुर उच्च न्यायालय में दायर की गई, जिस पर सुनवाई 11 जुलाई को तय है। इस मामले में मिश्रा व भारती को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। दुबे ने चुनाव आयोग के फैसले के बावजूद मिश्रा के मंत्री व विधायक रहने पर आपत्ति दर्ज कराई है।

जनसंपर्क मंत्री मिश्रा की ओर से वकील जसनीत सिंह होरा ने आवेदन देकर आयोग के फैसले को चुनौती वाले मामले को ग्वालियर से जबलपुर स्थानांतरित करने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इस पर सुनवाई अब 11 जुलाई को होगी।

ज्ञात हो कि वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में मिश्रा दतिया से निर्वाचित हुए थे। इस चुनाव में पैसे देकर अपने पक्ष में खबर छपवाने और खर्च का सही ब्यौरा न देने का आरोप लगाते हुए उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे राजेंद्र भारती ने चुनाव आयोग में वर्ष 2009 में शिकायत की थी, जिस पर चुनाव आयोग का फैसला 23 जून को आया। आयोग ने आरोपों को सही पाया और मिश्रा को तीन साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया।

आयोग के फैसले के खिलाफ मिश्रा ने उच्च न्यायालय का रुख किया। 30 जून की सुनवाई में चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए समय की मांग की, जिसे न्यायाधीश विवेक अग्रवाल ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई पांच जुलाई को तय की थी।

अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते सुनवाई में मिश्रा और भारती ने अपना पक्ष रखा। उसके बाद सुनवाई की अगली तारीख 10 जुलाई तय की गई। भारती की ओर से केवियट दायर है, जिसमें कहा गया है कि किसी तरह का फैसला लिए जाने से पहले उनका भी पक्ष सुना जाए। अब पूरा मामला उच्च न्यायालय की जबलपुर मुख्य पीठ में स्थानांतरित हो चुका है।

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नेशनल

सामने आई स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट, शरीर के इन हिस्सों पर चोट के निशान

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नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के बाद उनका एम्स में मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं। रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोट लगी थी। एम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वाति मालीवाल को ‘बाएं पैर के थाइस’ पर 3×2 सेंटीमीटर के आकार की चोट थी और उनके ‘दाहिनी आंख के नीचे दाहिने गाल’ पर 2×2 सेंटीमीटर आकार की एक और चोट थी।

एम्स के डॉक्टर आनंद गंगदेव द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास पर 13 मई को उनपर परिचित व्यक्ति ने हमला किया था. उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए और उनके सिर पर कठोर वस्तु से हमला किया गया और वह जमीन पर गिर गईं. उनके पेट, पेल्विस और चेस्ट पर पैर से कई बार मारा गया. मरीज फिलहाल जांघ और पेल्विस एरिया में दर्द की शिकायत कर रहा है।

सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सिविल लाइन्स थाने लेकर जाया गया है। दिल्ली पुलिस को पहले ही बिभव कुमार के सीएम हाउस में होने का इनपुट मिला था। सूचना के बाद पुलिस टीम में एसएचओ सिविल लाइंस और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सीएम आवास पर पहुंचे थे। सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी सीएम हाउस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस की टीम जब सीएम हाउस पर पहुंची तब वहां पर पहले से ही गेट खुले हुए थे। इस गाड़ी को गेट पर नहीं रोका गया और गाड़ी सीधा सीएम हाउस में चली गई। गाड़ी के लिए पहले से सीएम हाउस में मैसेज था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम सीधे सीएम हाउस में गई और फिर वहां से बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि गिरफ्तारी से पहले ही बिभव कुमार ने एक मेल किया था, जिसमें उसने हर जांच के लिए साथ देने की बात कही थी। अपने मेल में बिभव कुमार ने लिखा कि ‘मैं हर जांच में सहयोग को तैयार हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से FIR दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। अभी तक मुझे एफआईआर के बाद कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मेरी शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।’

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