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रामपाल के खिलाफ ताजा वारंट, हरियाणा सरकार को फटकार

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 चंडीगढ़| पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को संत रामपाल के खिलाफ नया गैर जमानती वारंट जारी कर हरियाणा पुलिस को उन्हें गिरफ्तार कर शुक्रवार को हर हाल में न्यायालय में पेश करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने हरियाणा के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को सोमवार को आदेश दिया कि वे अदालत को लिखित में बताएं कि अदालत के निर्देशों के बावजूद संत रामपाल को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।

न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किए जाने के बावजूद रामपाल सोमवार को न्यायालय में पेश नहीं हुए। उन्होंने अदालत में पेश न होने के लिए अपने वकील द्वारा अदालत को दिए गए चिकित्सा कारणों का हवाला दिया।  इस बीच हिसार प्रशासन ने सोमवार को संत रामपाल के समर्थकों को आश्रम खाली करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्हें चेतावनी दी कि वे प्रशासन के काम में बाधा उत्पन्न न करें। वहीं दूसरी ओर सुरक्षा जवान सोमवार को आश्रम परिसर के और करीब बढ़ते हुए दिखे। कई बसों में भरकर रामपाल समर्थक उनके आश्रम पहुंचे हैं। पुलिस ने इन बसों को आश्रम के पास से हटा दिया है।

हिसार के उपायुक्त एम. एल. कौशिक ने सोमवार को कहा, “क्योंकि संत रामपाल के खिलाफ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया है, इसीलिए संत के अनुयायियों और भक्तों को जल्द से जल्द आश्रम खाली करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा, “उच्च न्यायालय ने पुलिस को बाबा रामपाल की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं, और उन्हें जल्द से जल्द न्यायालय के समक्ष पेश करने के लिए कहा है।”

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सोमवार को हरियाणा सरकार और पुलिस को संत रामपाल को अदालत के समक्ष पेश न कर पाने के कारण कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने हरियाणा सरकार से रविवार शाम को रामपाल के बरवाला स्थित आश्रम के बाहर तैनात सुरक्षा बलों और पुलिस को हटाने का कारण पूछा।  हरियाणा के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम के एक प्रवक्ता ने सोमवार सुबह कहा कि रामपाल अस्वस्थ हैं, इसीलिए वह चंडीगढ़ में उच्च न्यायालय के समक्ष पेश नहीं हो सकते।

आश्रम के प्रवक्ता ने कहा, “उनकी तबियत सही नहीं है, इसीलिए वह बाहर नहीं जा सकते। चिकित्सकों ने उन्हें 19 नवंबर तक बिस्तर पर रहने की सलाह दी है।”
आश्रम के बाहर रविवार सुबह से ही तनाव व्याप्त है क्योंकि सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने परिसर को चारों ओर से घेर लिया था। आश्रम परिसर के बाहर मौजूद समर्थक पुलिस को अंदर नहीं जाने दे रहे हैं। यहां से 210 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रामपाल के आश्रम के बाहर सैकड़ों महिलाओं और बच्चों समेत तकरीबन हजार से भी ज्यादा समर्थक पिछले 15 दिनों से भी ज्यादा समय से डेरा डाले हुए हैं। वे पुलिस को रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए आश्रम के अंदर नहीं जाने दे रहे हैं।

रामपाल पर हत्या, भीड़ को उकसाने एवं अदालत की अवमानना का आरोप है। यह तीसरा मौका है जब रामपाल अदालत के सामने पेश नहीं हुए हैं। उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह हरियाणा पुलिस और राज्य प्रशासन को रामपाल को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा था, “रामपाल यदि किसी बंकर में भी छुपा बैठा है, तब भी उसे ढूंढकर पेश किया जाए।”

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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