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राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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नई दिल्ली| राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। करीब माह तक चले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इस सदन में धर्मातरण और अन्य मुद्दों पर भारी हंगामे के कारण कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो सका और कई विधेयक पेश नहीं किए जा सके। संसद के उच्च सदन में सत्र के आखिरी दिन भी हंगामा जारी रहा। इस कारण दोपहर तक सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।

विपक्षी दलों के सदस्य धर्मातरण और सांप्रदायिक बयानबाजी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान देने की मांग कर रह रहे थे।

सत्र के आखिरी दिन सदन में हालांकि दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण को लेकर निर्धारित आखिरी तिथि बढ़ाने से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किया गया।

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने धर्मातरण के मुद्दे पर मंगलवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के लिए जोर दियाा, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने आरोप लगाया कि दिल्ली के जंतर मंतर पर हुई जनता दल परिवार की रैली में पहुंचे बाहर के लोगों को अगले दिन दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।

आजाद ने कहा, “धर्मातरण का मुद्दा देश की सीमा से बाहर तक चला गया है। दूसरे देश भी बात कर रहे हैं कि सभी धर्म के लोगों को साथ लेकर चलने वाले भारत में यह क्या हो रहा है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम देश की साझा संस्कृति और आम लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।”

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मेरे भी प्रधानमंत्री हैं। वह सभी धर्मो के लोगों के प्रधानमंत्री हैं। उन्हें देश को आश्वस्त करने की जरूरत है कि यदि उनकी पार्टी के सहयोगी भी लोगों को आहत करते पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें यह भरोसा भी दिलाने की जरूरत है कि वह शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले किसी भी बयान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

इस बीच, सपा सदस्य नरेश अग्रवाल ने कहा कि सोमवार को जंतर-मंतर पर जनता परिवार की रैली में हिस्सा लेने के लिए यहां पहुंचे अन्य राज्यों के लोगों को अगले दिन दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।

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कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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