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मुख्य समाचार

राज्यपाल से गतिरोध पर दिल्ली सरकार ने मांगी कानूनी सलाह

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नई दिल्ली| दिल्ली सरकार ने मंगलवार को दो वरिष्ठ वकीलों- इंदिरा जयसिंह और राजीव धवन- से नौकरशाहों की तैनाती और उनके तबादले के संबंध में कानूनी सलाह मांगी। वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन की कार्यकारी मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति के बाद से शुरू हुआ विवाद अब दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच आर-पार की लड़ाई में बदल चुका है।

गैमलिन की नियुक्ति को लेकर केरजीवाल और जंग के बीच शुरू हुआ गतिरोध सोमवार को उस समय और बढ़ गया जब प्रधान सचिव (सेवाएं) के पद पर तैनात एक अन्य नौकरशाह अनिंदो मजूमदार के दिल्ली सचिवालय स्थित दफ्तर में ताला लगा दिया गया।

बताया जा रहा है कि अनिंदो के दफ्तर में ताला केजरीवाल के कहने पर लगाया गया। मदूमदार ने ही कार्यवाहक मुख्य सचिव के रूप में गैमलिन की नियुक्ति से संबंधित राज्यपाल के आदेश को अधिसूचित किया था।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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