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प्रादेशिक

राजस्थान में बढ़ेगा सौर बिजली उत्पादन

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जयपुर| सौर विकिरण तथा दूर-दूर तक बंजर भूमि व रेगिस्तान वाले राज्य राजस्थान में अप्रैल तक कुल 355 मेगावाट सौर बिजली क्षमता वाले संयंत्रों के बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है। यह जानकारी एक मंत्री ने दी। राजस्थान आने वाले कुछ साल में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों से 25 हजार मेगावाट बिजली क्षमता तैयार करना चाहता है।

इन संयंत्रों में बिजली उत्पादन शुरू करने के लिए हालांकि पारेषण लाइनों का निर्माण करने में 18-24 महीने और लग जाएंगे।

ऊर्जा राज्य मंत्री पुष्पेंद्र सिंह ने कहा, “आज की स्थिति के मुताबिक अप्रैल तक 355 मेगावाट की सौर बिजली संयंत्रों के तैयार हो जाने की उम्मीद है। 50 मेगावाट की अन्य पांच परियोजनाएं अभी निविदा प्रक्रिया में हैं और इनके भी सितंबर तक बन कर तैयार हो जाने का अनुमान है।”

एक मेगावाट सौर बिजली के लिए आठ करोड़ रुपये (12 लाख डॉलर) का निवेश करना पड़ता है।

राज्य सरकार ने हाल ही में 5,000 मेगावाट क्षमता के सौर पार्क की स्थापना के लिए सन एडीसन इंडिया और इंफ्रास्ट्रक्च र लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

पुष्पेंद्र सिंह ने कहा, “नई नीति के कारण राजस्थान सौर बिजली क्षेत्र में और देश में ऊर्जा सुरक्षा तथा टिकाऊ विकास के मामले में अग्रणी बनने की स्थिति में है। निवेशक अनुकूल सौर ऊर्जा नीति बनाने के बाद कंपनियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।”

गत वर्ष अक्टूबर में घोषित नई नीति के बारे में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा था, “हमने अनुकूल माहौल बना दिया है, जिसका परिणाम हर कोई देख सकता है। प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां राजस्थान में निवेश कर रही हैं और हम 25 हजार मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन लक्ष्य हासिल करने की दिशा में बढ़ रहे हैं।”

नई नीति में किसानों को भी लाभ की स्थिति में रखा गया है, क्योंकि इसमें राजस्थान किराया कानून और राजस्थान भूमि राजस्व कानून में भी संशोधन किया गया है। इसके जरिये किसानों को उनकी जमीन पर बनने वाले सौर बिजली संयंत्र पर अधिकार दिया गया है।

सौर बिजली संयंत्र बनाने के लिए भूमि उपयोग में बदलाव की जरूरत नहीं रखी गई है।

इसके जरिये किसान अपनी जमीन पर बनने वाले संयंत्र से नियमित आय हासिल कर सकेंगे।

 

प्रादेशिक

बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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