हेल्थ
राजस्थान : तंबाकू से हर साल 50 हजार मौतें
जयपुर | राजस्थान में तंबाकू उत्पादों के सेवन से प्रतिवर्ष 50 हजार से ज्यादा लोग काल कवलित होते जा रहे हैं। ऐसा खुलासा गेट्स द्वारा हुए सर्वेक्षण में सामने आया है। राजस्थान सरकार को तंबाकू उत्पादों पर विभिन्न करों से 1000 करोड़ रुपये से भी कम की आय होती है और इसकी कीमत प्रतिवर्ष 50 हजार से अधिक राजस्थानी लोगों को अपनी मौत से चुकानी पड़ रही है। राजस्थान वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन के परियोजना निदेशक विक्रम राघव ने बताया कि राज्य में वर्ष 2010 में वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (गेट्स) के द्वारा किए गए सर्वेक्षण में सामने आया है कि प्रदेश में करीब 1.5 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं और इनमें से लाखों तंबाकू से संबधित रोगों के कारण प्रतिवर्ष मृत्यु को प्राप्त होते हैं।
इनमें से 72 हजार राजस्थानी भी शामिल हैं। इसमें 50 हजार से अधिक वे लोग हैं जो तंबाकू के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। यहां पर महिला वर्ग में तंबाकू सेवन शुरू करने की औसत उम्र 14 वर्ष तथा पुरुषों में 17 वर्ष आंकी गई है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको के सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि राज्य में बालिकाएं मात्र 14 वर्ष की उम्र में ही तंबाकू का सेवन शुरू कर देती है। यह औसत उम्र देश में सबसे कम है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को प्रतिवर्ष करीब 22 हजार करोड़ रुपये का राजस्व विभिन्न मदों से प्राप्त होता है, वहीं इसमें 750 करोड़ रुपये का राजस्व तंबाकू उत्पादों से आता है। राज्य में करीब 72 हजार मौतें प्रतिवर्ष तंबाकू से हो रही हैं। तंबाकू वर्तमान में व्याप्त अन्य बीमारियों का भी प्रमुख कारण है।
वहीं प्रतिदिन 5,500 बच्चे देशभर में तंबाकू के नए उपभोक्ता बन रहे हैं, वहीं प्रदेश में यह संख्या लगभग 350 है। राज्य में 350 नए तंबाकू उपभोक्ता प्रतिदिन तैयार हो रहे हैं। राज्य सरकार को तंबाकू कर से पिछले वित्तवर्ष में 1000 करोड़ रुपये की आय हुई, लेकिन राज्य में तंबाकू के उपयोग को कम करने के लिए इस राशि का एक प्रतिशत हिस्सा भी जन जागरूकता पर या आमजन को समझाने पर खर्च नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, पान मसाला में वर्ष 2009-10 में 288.16, 2010-11 में 378.08, 2011-12 में 693.19, 2012-13 में 940.07, 2013-14 में 750.14, 2013-14 से दिसंबर 13 तक 573.21 व 2014-15 दिसंबर तक 538.60 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है।
वर्ष 2011 में राजस्थान में 35 से 69 साल के बीच के लोगों के लिए तंबाकू के प्रयोग की वजह से होने वाला कुल आर्थिक खर्च 1,160 करोड़ रुपये था, जिसमें 70 प्रतिशत चिकित्सा मद में खर्च हुआ और 31 प्रतिशत अप्रत्यक्ष खर्च रुग्णता की वजह से हुआ। चार विशेष रोगों (सीवीडी, कैंसर, टीबी और श्वास संबंधी रोग) की वजह से होने वाला खर्च 504 करोड़ रुपये था। तंबाकू के प्रयोग की वजह से हुआ अस्थमा रोग सबसे अधिक आर्थिक बोझ (174 करोड़ रुपये) साबित हुआ। इसके बाद हृदयवाहिनी रोग (सीवीडी) से 131 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ, श्वास संबंधी रोग से 126 करोड़ रुपये एवं कैंसर से 73 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा। चार रोगों में श्वास रोग की वजह से कुल परोक्ष चिकित्सा खर्च सबसे अधिक 32 प्रतिशित हुआ और 39 प्रतिशत कुल अप्रत्यक्ष खर्च हुआ।
कैंसर के अलावा तंबाकू के इस्तेमाल की वजह से होने वाले तमाम दूसरे रोगों पर होने वाला आर्थिक खर्च सबसे अधिक पुरुषों पर हुआ। कैंसर पर महिलाओं (धूम्ररहित तंबाकू उत्पादों के कारण) में होने वाला खर्च 5.5 करोड़ था। पुरुषों में यह खर्च 4.0 करोड़ रुपये था। पूर्व की कांग्रेस सरकार के गुटखा प्रतिबंध पर तंबाकू कंपनियों ने नया तरीका इजाद कर तंबाकू व पान मसाला अलग-अलग पाउचों में बाजार में उपलब्ध करवाया गया। ऐसी स्थिति में वर्तमान सरकार को चाहिए कि इसके खतरों को ध्यान में रखते हुए चूसने व चबाने वाले सभी तंबाकू उत्पादों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाए।
तंबाकू इन राज्यों में है प्रतिबंधित :
आंध्र प्रदेश (28 दिसंबर, 2013 से), असम व बिहार (7 नवंबर, 2014 से), गोवा व हिमाचल प्रदेश (17 जुलाई, 2012 से), जम्मू एवं कश्मीर (6 मार्च, 2013 से), महाराष्ट्र (15 जुलाई, 2014 से), मणिपुर (26 फरवरी, 2013 से), मिजोरम (22 अगस्त, 2012 से), पंजाब (28 नवंबर, 2014 से)।
वर्ष 2015 में राज्य सरकार के द्वारा तंबाकू उत्पादों की रोकथाम के लिए वर्तमान में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ठोस रणनीति बनाकर तंबाकू नियंत्रण समिति का गठन भी किया गया है। यह समिति प्रदेशभर में तंबाकू रोकने में महती भूमिका निभाएगी।
लाइफ स्टाइल
तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय
नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
सेहतमंद आहार लें
संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।
गतिहीन जीवनशैली से बचें
बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।
शारीरिक रूप से सक्रिय
व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।
तनाव से बचें
तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
अच्छी और गहरी नींद
समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें
धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच
नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।
Death due to heart diseases increasing, Death due to heart diseases increasing latest news, Death due to heart diseases increasing news,
डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
-
ऑटोमोबाइल1 day ago
इन आसान उपायों से आप आसानी से बढ़ा सकते हैं अपनी बाइक का माइलेज
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
-
नेशनल2 days ago
BJP में शामिल हुए मनीष कश्यप, कहा- बिहार को मजबूत करूंगा
-
नेशनल2 days ago
गृहमंत्री अमित शाह ने वाराणसी में काल भैरव मंदिर में की पूजा-अर्चना, बीजेपी की जीत का मांगा आशीर्वाद
-
नेशनल1 day ago
असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार अंसारी को बताया शहीद, बोले- उन्हें जहर देकर मारा गया
-
नेशनल1 day ago
लोकसभा चुनाव : दूसरे चरण की 88 सीटों पर वोटिंग जारी, पीएम मोदी ने की रिकार्ड मतदान की अपील
-
नेशनल1 day ago
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी
-
नेशनल2 days ago
अखिलेश यादव ने कन्नौज से दाखिल किया नामांकन, सुब्रत पाठक से होगी टक्कर