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मुलायम ने अखिलेश को दिया सख्त संकेत, बोले- तय नहीं सीएम पद का चेहरा

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mulayam-shivpal-yadavलखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव भले ही लगातार कह रहे हैं कि परिवार में सब ठीक है, लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि 2017 में मुख्यमंत्री कौन होगा, यह विधानमंडल दल की बैठक में तय होगा। पार्टी प्रमुख ने संकेत दिया है कि सपा मुख्यमंत्री पद के लिए पहले से तय चेहरा बदल भी सकती है। मुलायम ने पांच नवंबर को होने वाले पार्टी के सम्मेलन को लेकर शुक्रवार को लखनऊ में मीडिया से मुखातिब हुए।

सपा प्रमुख ने कहा, हमारे परिवार में कोई विवाद नहीं है। जनता हमारे परिवार को प्यार करती है। तीन दशक से परिवार में कोई भी विवाद नहीं है। शिवपाल पार्टी के प्रभारी और सब-कुछ हैं। पार्टी के 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद आगे के फैसले पर उन्होंने कहा, आगे तो मुख्यमंत्री का चयन होगा। मुख्यमंत्री का चुनाव पार्टी में विधानमंडल दल के नेता तय करेंगे। अब कौन कहां कैसे बैठेगा, यह सब पार्टी तय करेगी।

मुलायम ने कहा, पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव में पूरे दम से उतरेगी। इस बार भी प्रचार में चुनावी रथ के साथ साइकिल व हेलीकॉप्टर, सब चलेगा। जो सवारी मिलेगी, उससे हम चलेंगे और पार्टी का प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा, जनता को हमारे परिवार पर विश्वास है। हमने तो पार्टी स्थापना के 11 महीने में सरकार बनाई। प्रदेश की जनता को समाजवादी पार्टी की विचारधारा में विश्वास है।

मुलायम ने आगे कहा, 5 नवंबर को हम पार्टी की रजत जयंती बनाएंगे। हमने एक मामूली सी पार्टी को कहां से कहां पहुंचाया है। रक्षामंत्री के तौर पर मैंने जो किया, लोग आज भी याद करते हैं। उन्होंने कहा कि यह सपा का चमत्कार है। गायत्री प्रसाद प्रजापति मंत्री हैं, प्रजापति प्रभावशाली मंत्री और नेता हैं। पांच नवंबर को समाजवादी पार्टी का सम्मेलन होगा, इसका संयोजक प्रजापति को ही बनाया गया है।

इस मौके पर मुलायम सिंह के साथ मंत्री शिवपाल यादव और प्रजापति भी मौजूद थे, लेकिन अखिलेश यादव नदारद थे। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि चाहे मुलायम सिंह कुछ भी कहें, लेकिन परिवार में दूरियां साफ नजर आ रही हैं।

कॉमन सिविल कोड मामले पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर मुलायम ने कहा, इसको लेकर कोई विवाद नहीं है। इसको लेकर आगे भी कोई विवाद नहीं होना चाहिए। हमारे देश में गीता, रामायण, कुरान में इंसानियत का संदेश दिया गया है। संदेश है कि लड़ो मत, धार्मिक ग्रंथ पढ़ो। हमको इंसानियत का संदेश मानना होगा। उन्होंने कहा कि कॉमन सिविल कोड पर अभी कुछ नहीं कहेंगे। कॉमन सिविल कोड का लोहिया ने सबसे पहले प्रस्ताव रखा था।

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चयन परीक्षाओं की शुचिता के साथ खिलवाड़ स्वीकार नहीं, शीघ्र लागू होगा नया कानून: मुख्यमंत्री योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया तेज करने के लिए शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में विभिन्न चयन आयोगों के अध्यक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। चयन परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और गोपनीयता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने इस दौरान चयन प्रक्रियाओं में व्यापक सुधार पर जोर दिया, साथ ही चयन प्रक्रिया की समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने आयोगों में प्रचलित चयन प्रक्रियाओं और भावी कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी ली और शासन से उनकी अपेक्षाओं के बारे में भी पूछा।

*बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश:-*

● युवाओं के हित संरक्षण के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। हर एक युवा की मेहनत, मेधा और प्रतिभा का सम्मान है। पेपर लीक अथवा साल्वर गैंग जैसी अराजक गतिविधियों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे अपराध में संलिप्त हर अपराधी के खिलाफ ऐसी कठोरतम कार्रवाई की जाए, जो नजीर बने। ऐसे प्रकरणों में अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कठोर कानून लाया जाना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत यथाशीघ्र आवश्यक कार्यवाही की जाए।

● चयन आयोगों से अपेक्षा है कि वे भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर समय से जारी करें और कड़ाई के साथ उसका अनुपालन करें। कैलेंडर के अनुसार परीक्षा न होने से अभ्यर्थियों को असुविधा होती है, इसका ध्यान रखा जाए।

● सभी चयन आयोग परस्पर समन्वय के साथ यह सुनिश्चित करें कि एक दिन में एक ही परीक्षा आयोजित की जाए। ऐसा होने से एक ओर जहां परीक्षा आयोजकों/स्थानीय प्रशासन को व्यवस्था बनाने में आसानी होगी, वहीं युवाओं को भी बड़ी सुविधा होगी।

● कतिपय पदों के लिए शैक्षिक अर्हता निर्धारण में ‘समकक्ष योग्यता’ के संबंध में विसंगतियों की सूचना प्राप्त हुई है। संबंधित विभाग द्वारा प्रकरण का समाधान कर आयोग को सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

● चयन परीक्षाओं के सेंटर के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज अथवा साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ख्याति प्राप्त सुविधा संपन्न वित्त पोषित शैक्षिक संस्थान ही सेंटर बनाए जाएं। सेंटर वहीं होंगे, जहां सीसीटीवी की व्यवस्था होगी। यह भी सुनिश्चित कराएं कि परीक्षा केंद्र नगरीय क्षेत्र में ही हों। परीक्षा केंद्र निर्धारण में महिलाओं और दिव्यांगों की अपेक्षाओं का ध्यान रखा जाए।

● यदि एडेड कॉलेज को सेंटर बनाया जाता है तो संबंधित प्रबंधक परीक्षा व्यवस्था में कहीं से भी सम्मिलित न हो। केंद्र व्यवस्थापक के रूप में दूसरे संस्थान के प्रधानाचार्य को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। जिलाधिकारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक को भी व्यवस्था से जोड़ें। गड़बड़ी हुई तो इनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

● प्राथमिक, माध्यमिक, प्राविधिक, व्यावसायिक आदि शिक्षण संस्थानों में शिक्षक चयन की प्रक्रिया में बड़ा सुधार करते हुए हाल ही में शिक्षा सेवा आयोग का गठन किया गया है। इसके सदस्य नामित किए जा चुके हैं, अध्यक्ष की नियुक्ति भी यथाशीघ्र कर दी जाएगी। नवगठित आयोग द्वारा चयन की कार्यवाही समय से प्रारंभ करने की अपेक्षा है।

● पेपर सेट करने की प्रक्रिया, उनकी छपाई, कोषागार तक पहुंचाने, कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की व्यवस्था, परीक्षा के बाद OMR आयोग तक पहुंचाने OMR की स्कैनिंग, परिणाम तैयार करने सहित पूरी व्यवस्था में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग एजेंसियों का उपयोग करें। एजेंसी के रिकॉर्ड की भलीभांति जांच करने के बाद ही दायित्व दें।

● हर पाली में 02 या अधिक पेपर सेट जरूर होने चाहिए। प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसी का माध्यम से कराया जाना चाहिए। पेपर कोडिंग को भी और व्यवस्थित करने की आवश्यकता है। तलाशी लेने के लिए महिला कर्मियों की तैनाती जरूर हो।

● शुचिता और गोपनीयता के दृष्टिगत चयन आयोगों को परीक्षा से पूर्व, परीक्षा के दौरान और परीक्षा के उपरांत शासन स्तर के शीर्ष अधिकारियों तथा एसटीएफ के संपर्क में रहना चाहिए।

● परीक्षाओं की शुचिता के संबंध में आवश्यक सुधार की यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव में लानी होगी। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग द्वारा चयन आयोगों से संपर्क-संवाद कर यथाशीघ्र इसे लागू करा दिया जाए।

● नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की गई है, उसका उपयोग करें। सभी विभाग नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजने से पूर्व नियमावली का सूक्ष्मता से परीक्षण कर लिया जाए। भर्ती प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब न किया जाए।

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