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यूपी : शिक्षा मित्रों को टीईटी से छूट दिलाने में जुटी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों को राहत दिलाने में जुटी हुई है। बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस मामले में जल्द ही राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को पत्र भेजकर टीईटी से छूट मांगने की तैयारी की जा रही है। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार शिक्षा मित्रों के मामले में एनसीटीई से राहत लेना चाहती है।
उत्तराखंड व महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए एनसीटीई को पत्र भेजने की तैयारी चल रही है। बेसिक शिक्षा मंत्री के निर्देश पर बेसिक शिक्षा में प्रमुख सचिव डिम्पल वर्मा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया है। मुख्यमंत्री के सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा के साथ भी उनकी बैठक हुई है। विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, जल्द ही शिक्षा मित्रों के मामले में एनसीटीई को पत्र भेजते हुए टीईटी में छूट देने का अनुरोध किया जाएगा। राज्य सरकार को उम्मीद है कि एनसीटीई से उसे राहत मिल जाएगी।
अधिकारी ने बताया कि एनसीटीई को पत्र भेजकर यह याद दिलाने की कोशिश की जाएगी कि एनसीटीई की मंजूरी के बाद ही शिक्षा मित्रों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण दिया गया है, लिहाजा अब वे प्रशिक्षित शिक्षक हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि शिक्षा मित्रों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी कहा है कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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