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अन्तर्राष्ट्रीय

यमन से सुरक्षित निकाले गए भारतीय नागरिक कोच्चि पहुंचे

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कोच्चि| राजनीतिक संकट से जूझ रहे युद्धग्रस्त यमन से सुरक्षित निकाले गए 168 भारतीय नागरिक गुरुवार को कोच्चि पहुंचे। प्रवासी नागरिकों को सुरक्षित अपने देश पहुंचने की खुशी तो है, लेकिन वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित भी हैं।

यमन से निकाले गए प्रवासी भारतीयों को लेकर जिबूती से चला भारतीय वायुसेना का यात्री विमान गुरुवार सुबह कोच्चि पहुंचा। इससे पहले यमन से 10 घंटे की जहाज यात्रा कर नागरिक जिबूती पहुंचे थे।

यमन में नर्स का काम करने वाली एक प्रवासी भारतीय ने कहा, “हम अपने परिजनों के पास सुरक्षित पहुंचकर खुश हैं, लेकिन एक बड़ा सवाल यह भी है कि हमारे भविष्य का क्या होगा। हमें रोजगार चाहिए पर पता नहीं हमें कहां से काम मिलेगा, क्योंकि हमें परिवार की देखभाल भी करनी है।”

यमन से कोच्चि पहुंचे प्रवासी भारतीयों में से 24 तमिलनाडू के हैं। तमिलनाडू के मंत्री के. सी. जोसफ, वी. के. इब्राहिम कुंज और के. बाबू लोगों का स्वागत करने हवाईअड्डे पर मौजूद थे।

केरल सरकार ने प्रत्येक को 2,000 रुपये की सहायता राशि दी।

प्रवासी मामलों के राज्य मंत्री जोसफ ने आईएएनएस को बताया कि वे दिल्ली में विदेश मंत्रालय और यमन एवं जिबूती में भारतीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र पर दबाव बनाएगी कि प्रवासी भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए कूटनीतिक बातचीत सुनिश्चित करें।

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार यमन से वापस आई नर्सो को रोजगार उपलब्ध कराएगी।

जोसफ ने कहा, “2,000 नर्सो को काम दिलाना मुश्किल होगा, लेकिन हमारी सरकार हर संभव प्रयास करेगी।”

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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