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अन्तर्राष्ट्रीय

म्यांमार में आतंकवादी हमला, 11 सुरक्षाकर्मियों समेत 32 की मौत

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नेपीथा, 25 अगस्त (आईएएनएस)| म्यांमार के रखाइन राज्य में शुक्रवार को पुलिस चौकियों पर हुए आतंकवादी हमलों में 11 सुरक्षा कर्मियों सहित कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई।

सेना ने एक बयान में यह जानकारी दी है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, मोंगताव क्षेत्र में 24 पुलिस चौकियों पर आतंकवादियों ने हथगोलों से हमला किया। यह हमला पूर्व संयुक्त राष्ट्र प्रमुख कोफी अन्नान की अध्यक्षता में एक आयोग द्वारा एक रिपोर्ट म्यामांर सरकार को देने के एक दिन बाद किया गया है। इस रिपोर्ट में रखाइन में सांप्रदायिक हिंसा खत्म करने व इलाके में विकास कार्य बढ़ाने की बात कही गई है।

सेना के कमांडर इन चीफ मिन आंग हलांग ने फेसबुक पर एक बयान में कहा कि एक सैनिक, 10 पुलिस कर्मी व 21 आतंकवादी हमले में मारे गए हैं। कम से कम 150 आतंकवादी हिंसा में शामिल थे।

हमलों की जिम्मेदारी अराकन रोहिंग्या सालवेशन आर्मी (एआरएसए) ने ली है। इसने कहा है कि यह इलाके में जारी सेना की आक्रामक कार्रवाई का जवाब है।

एआरएसए ने ट्विटर पर कहा है, यह हमारे लिए एक वैधानिक कदम है जो विश्व के उत्पीड़ित लोगों की रक्षा के लिए और उत्पीड़कों के चंगुल से उत्पीड़तों को मुक्त कराने के लिए उठाया गया है।

एआरएसए ने अपने बयान में सेना पर बीते कुछ हफ्तों में राथेदांग और मांददाव में कई हत्याओं, महिलाओं से दुष्कर्म और लूटपाट का आरोप लगाया है। संगठन का कहना है कि ऐसा कोफी अन्नान आयोग की रिपोर्ट को बेपटरी करने के मकसद से किया जा रहा है।

अन्नान ने इन हमलों की निंदा की है और कहा है कि यह हिंसा के चिताजनक हद तक बढ़ने का सबूत है। उन्होंने कहा कि रखाइन के मसले का हल हिंसा से संभव नहीं है।

रखाइन में मुस्लिम अल्पसंख्यक रोहिंग्या समुदाय के दस लाख से अधिक लोग रहते हैं और बड़े पैमाने पर भेदभाव का आरोप लगाते रहे हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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