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मोदी सरकार को केजरीवाल से है एलर्जी : सिसोदिया
नई दिल्ली | दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से एलर्जी है और इसलिए केंद्र सरकार उनके एजेंडे को खत्म करने की कोशिश कर रही है। सिसोदिया ने केजरीवाल सरकार के 100 दिन पूरे होने से एक दिन पहले ‘एनडीटीवी’ से एक साक्षात्कार में कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के एजेंडे को खत्म करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “केंद्र दिल्ली को परोक्ष रूप से एलजी के मार्फत चलाना चाहता है। केंद्र की सत्ता में बैठे लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारे एजेंडे को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। भ्रष्टों पर नकेल कसने के कारण केंद्र को केजरीवाल से एलर्जी है।”
सिसोदिया का यह बयान केंद्रीय गृह मंत्रालय की उस अधिसूचना के बाद आया है, जिसमें अधिकारियों, खासकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की नियुक्ति एवं तबादले का अधिकार उपराज्यपाल नजीब जंग को होने की बात कही गई है। आप सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना पर चर्चा के लिए मंगलवार से दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय आपात सत्र बुलाया है। सिसोदिया ने कहा, “अब इस मुद्दे का निपटारा विधानसभा में होगा। हम विवादों से डरते नहीं, हम उन सभी से लड़ेंगे, जो दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के हमारे एजेंडे के रास्ते में अड़चन डालेंगे।”
केजरीवाल के करीबी सिसोदिया ने आप सरकार को निशाना बनाने पर मीडिया को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, “सकारात्मक आलोचना ठीक है, होनी ही चाहिए लेकिन किसी के इशारे पर नकारात्मक एजेंडे के साथ पत्रकारिता करना गलत है। वे हमसे सवाल करें, हमारी आलोचना करें, यदि हम कुछ गलत करते हैं तो हमें फांसी दे दें, लेकिन गलत अफवाह न फैलाएं। ध्यान रखें कि जिसको बेवजह निशाना बना रहे हैं, उसे भारी जनादेश मिला है।”
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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