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मोदी ने लघु उद्यमों को सराहा, मदद का वादा
नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लघु उद्यमों की सराहना कर उन्हें समर्थ बनाने वादा करते हुए कहा है कि एक नई स्वरोजगार योजना लघु उद्यमियों के बच्चों की आकांक्षाओं पर ध्यान देगी। लघु उद्यमों का भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में अहम योगदान है। ये उद्यम करीब 12 करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया कराते हैं।
मोदी ने एक खुले पत्र में सब्जी विक्रेताओं, दूधियाओं, धोबियों, अखबार विक्रेताओं, बुनकरों जैसे लघु उद्यमियों से कहा, “मैं जानता हूं कि वक्त बदल रहा है। जब आपके बच्चे बड़े होते हैं, तो उनकी सोच व आकांक्षाएं आपसे बहुत अलग होती हैं।” उन्होंने कहा, “हम उनके (बच्चों के) कारोबार शुरू करने के हर पहलू-ऋण लेने से रोजगार शुरू करने तक में सहायता करने के लिए एक सेतु तंत्र (स्वरोजगार एवं प्रतिभा उपयोग) स्थापित कर रहे हैं।” उल्लेखनीय है कि मुद्रा बैंक की शुरुआत 20,000 करोड़ रुपये के कोष से सूक्ष्म उद्यमियों को ऋण देने के लिए की गई है।
मोदी ने कहा, “आप सभी लोग इस राष्ट्र की रीढ़ हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसे लघु उद्यमों को मजबूत किया जाए, तो वे आसानी से अपना कारोबार कर पाएंगे। मोदी ने कहा कि ऐसे लद्यु उद्यमियों के लिए उनकी सरकार पहले ही 24/7 पावर स्कीम, पेंशन योजना, दो लाख रुपये तक दुर्घटना कवर और इतनी ही राशि का जीवन बीमा देने जैसी पहल शुरू कर चुकी है। उन्होंने कहा, “आपको किसी भी तरह के वित्तीय संकट से महफूज होना चाहिए और अपने भविष्य को लेकर सुरक्षित महसूस करना चाहिए।”
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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