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मुख्य समाचार

मोदी को ‘अपराधी’ कहना पड़ा महंगा, आजम खां पर मुकदमा दर्ज

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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘विश्व के शीर्ष 10 अपराधियों’ में से एक बताने पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां के खिलाफ कानपुर अदालत में एक मुकदमा दर्ज किया गया है। जल निगम के एक सेवानिवृत्त कार्यकारी इंजीनियर व वादी राम सेवक शुक्ला ने शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट (2) में अपना बयान दिया।

शुक्ला ने कहा कि आजम ने अपनी बयानबाजी से संवैधानिक पदों पर कार्यरत लोगों का अपमान किया है और प्रधानमंत्री को अपराधी कहकर लाखों लोगों की भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने अदालत के समक्ष समाचार पत्रों की कटिंग भी दिखाई, जिसमें आजम ने 22 जुलाई को फैजाबाद में प्रधानमंत्री मोदी को विश्वस्तरीय अपराधी कहा था। शुक्ला ने अपने अधिवक्ता कृपा शंकर टंडन के जरिए अदालत को बताया कि उन्होंने आजम खां को अपने बयान पर माफी मांगने के लिए कानूनी नोटिस भी भेजा था, लेकिन उन्होंने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। इस मामले में अब अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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